कोशी का प्रलय या लूट खसोट का पर्दाफास
बिहार का शोक के नाम से मशहुर कोशी ने एक फ़िर अपना तांडव दिखाया है । बड़े शहरों मे रहने वाले बुधिजीबी इसे भारत का केटरीना मानते हैं । शहरों में रहने वाले लोग मानते हैं कि मिसिसिपी के बड़े बाँध मे दरार पड़ने से अमेरिका के कई शहरों मे पानी घुस गया था । ठीक इसी तरह भीमनगर बराज मे दरार पड़ने से कोशी की यह प्रलयंकारी बाढ़ बिहार के कई जिलों में सुनामी का कहर बरपा की है । लेकिन हकीकत कुछ और बयां करती है । यह बाढ़ बिहार की गरीबी की कोख से निकली बेईमानी ,लूट खसोट , भ्रष्टाचार का नतीजा है । कोशी के इस प्रलय को मीडिया ने भारत के हर आम खास के बीच चर्चा में ला दिया है । लेकिन कल्पना कीजिए यही प्रलयंकारी बाढ़ २० वर्ष पहले आती थी तब न तो कोई टीवी चैनल होता था न ही कोई हिलिकोप्टर से दौरा । उस हालत मे लोग इस प्रलय से कैसे मुकाबला करते होंगे ?पिछले सौ वर्षों में कोशी ने बिहार के कई इलाके का सामाजिक ,आर्थिक ,भोगोलिक , राजनितिक तस्वीर बदल दी है । विकास के नाम पर रेलवे कि छोटी लाइन बड़ी लाइन में जरूर तब्दील हो गई लेकिन कोशी का कहर यहाँ जारी रहा । नेपाल से निकलने वाली यह नदी तक़रीबन ६९००० कि मी सफर तय करके गंगा