कश्मीर के पूर्व सीनियर आई ए एस अधिकारी शाह फैज़ल को कश्मीर में सिक्योरिटी डेप्लॉयमेंट से क्यों डर लगता है ?
प्रिय शाह फैज़ल साहब , कश्मीर को लेकर आपकी और इमरान खान की बढ़ी चिंता के बीच मेरे व्यक्तिगत सुझाव पर प्रकाश डाला जा सकता है। जनसंघ के संस्थापक नेता श्यामाप्रसाद मुख़र्जी की कश्मीर में रहस्मयी मौत पर दुःख व्यक्त करते हुए तात्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था जब बड़ी गलतियां की जाती हैं, तब इस उम्मीद में चुप रहना अपराध है कि एक-न-एक दिन कोई सच बोलेगा" . यह अपराध आपकी पीढ़ियों ने आपको झूट बोलकर की है और हमारे सियासतदानो ने भी की है। कश्मीर में भारत से गलती हुई है यह बात पंडित नेहरू जी को तब पता चला जब वे पाकिस्तानी फौज को लाहौर तक खदेड़ देने के बावजूद यू एन अमन बहाली के लिए चले गए। नतीजा डिक्सन और जनमत संग्रह जैसे प्रस्ताव आये जो भारत के मुँह पर झन्नाटेदार तमाचा था। कश्मीर पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की हालिया मध्यस्तता की बात सामने आयी तो मुझे अपना गाल एक बार फिर सहलाना पड़ा। हमने तीन जंगे लड़ी, दर्जन भर एग्रीमेंट पाकिस्तान से किया फिर भी कश्मीर का मसला बरकार है । वजह पिछले 70 वर्षो से हमने सच न बोलने की कसम लेकर सिर्फ कुछ लोगों की सियासत को कश