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जनवरी 3, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्रवासी भारतीय दिवस के बहाने मालदार गांधी की तलाश

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प्रवासी भारतीय दिवस के बहाने मालदार गांधी की तलाश का यह अनोखा मेला है . दुनिया भर के लगभग ४० देशों के तकरीवन १५०० से ज्यादा गाँधी इन दिनों राजधानी दिल्ली मे जुटे हुए है और राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार इनके इस्तकवाल मे लाल कालीन बिछाए हुई है . कह सकते है कि कामयाब कारोबारियों ,कामयाब सेटर और कामयाब बुद्धिजीवियों के इस  अनोखा संगम को देश की आर्थिक सम्पन्नता से जोड़ दिया गया है . २००३ से शुरू हुआ इस सम्मलेन का मुख्या उद्देश्य यह था कि ९ जनबरी को महात्मा गाँधी अफ्रीका  से भारत लौटे थे इसलिए इस दिन को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाये .भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ़ ओवेर्साज  इस दिवस का आयोजन करता है . अपने देश से नौकरी की तलाश में ,रोजगार की तलाश मे , बेहतर जिन्दगी की तलाश मे सदियों से लोगों का पलायन विदेशी मुल्कों मे होता रहा है .सूरीनाम से लेकर गुआना तक फिजी से लेकर अफ्रीका तक मोरिसस से लेकर लातिन अमेरिका तक ऐसे कम ही देश होंगे जहाँ भारतीय ने अपनी दस्तक न दी हो लेकिन इनमे से कम ही लोगों को हमने याद किया है .इनकी तादाद लाखों मे हो सकती है लेकिन प्रवासी दिवस के मौके पर क्यों हजार दो