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कश्मीर :मर्ज पकड़ने की कोशिश में अमित शाह

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यह सवाल आम लोगों   के मन में जरूर उठता है कि कश्मीर का मसला क्या है ? जितना मैं समझ पाया हूँ कि वर्षो पहले कुछ नेताओं ने जो गांठ अपने   हाथों से लगायी थी मौजूदा पीढ़ी को वह गांठ दातों से खोलना पड़ रहा है। तो क्या पहलीबार संसद में धारा 370 को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का बयान समस्या से मुंह चुराने के बजाय एक सीधी    अभिव्यक्ति थी ? कुछ चुनिंदा एलिट खानदानो  के लिए कश्मीर में बने नियम कायदे आज़ादी के बाद कानून बन गए। आर्टिकल 35 ए और 370 उन्ही चंद कानूनों में है जिसे दिल्ली ने कश्मीर  के कुछ परिवारों को खुश करने के लिए उपकृत किया था । आज  अमित शाह ने कश्मीर में इस एलिट रिवायत के नस पकड़ने की कोशिश की है  और कश्मीर के   पावर ब्रोकर्स और भ्रष्टाचार पर चोट करने की पहल की है।   अगर ऐसा है तो  माना जायेगा कि इस सो कॉल्ड स्पेशल स्टेटस के नाम पर लूट की छूट को वो पूरी तरह से ख़तम करने का उन्होंने कदम उठाया   है। याद रहे 70 वर्षो से कश्मीर में इस सिस्टेमैटिक    करप्शन के लिए सिर्फ धारा 370 और 35 ए  जिम्मेदार है जो भ्रष्टाचारियों को पीढ़ी दर पीढ़ी से    क़ानूनी प्रक्रिया और जाँच की प्रक्रिया में