१५ वी लोक सभा कई मामले मे ऐतिहासिक है । सिर्फ इसलिए नहीं कि इस बार ३५० से ज्यादा नए सांसद सदन में पहुचे है । सिर्फ इसलिए नहीं कि इन सांसदों में ३०० से ज्यादा करोड़ पति है । न ही सिर्फ इसलिए कि १२५ सांसदों की उम्र ५० से कम है । यह शायद इसलिए कि सत्ता और विपक्ष का रुख बदला बदला सा है । राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए लाल कृष्ण अडवानी ने यह साफ़ कर दिया कि विपक्ष का रुख २००४ के बरक्स सकारात्मक रहेगा । आडवानी ने कहा सरकार को यह जनादेश स्थायित्व के लिए है ,जाहिर है उन्हें यह पूरा यकीन है है कि यह सरकार पांच साल बिना किसी हिलो हुज्जत के चलेगी । आडवानी ने सरकार को रचनात्मक सहयोग का ऐलान करके यह भी साफ़ किया कि देश हित मे सरकार द्वारा लिए गए फैसले का समर्थन कर बीजेपी इसमें अपनी सहभागिता बढाएगी । पिछले सदन में बीजेपी के हंगामें और वहिष्कार ने विपक्ष की जो छवि बनायीं थी शायद इस छवि से बाहर निकलने की कोशिश आडवानी जी ने शुरू कर दी है । २१ वी सदी की संसद में भले ही निति निर्माता २० वी सदी के हो लेकिन उन्हें इस बात का एहसास हो गया है कि उनका दौर पीछे छुट गया है । सरकार क