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जुलाई 26, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ओमर अब्दुल्ला का फ्लॉप शो

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आख़िर कार ओमर अब्दुल्ला काम पर लौट आए है । रियासत के राज्यपाल ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है । कश्मीर में भले ही ओमर अब्दुल्ला के पद छोड़ने और दोबारा काम पर लौटने की चर्चा भले ही जोर नही पकड़ी हो ,लेकिन नेशनल मीडिया में यह चर्चा सुर्खियों में रही । महज सात महीनो में ऐसा क्या हो गया कि कश्मीर मे लोगों का मोहभंग इस युवा नेता से हो गया ?लगातार बंद हड़ताल और अलगाववाद की तेज लहर के बीच पिछले असेम्बली चुनाव में कश्मीर में ६३ फीसद वोट पड़े तो लोगों ने कहा कि वादी से अलगाववाद का पुरा सफाया हो गया है । लोगो ने कहा यह युवा कश्मीर का फ़ैसला है । हुर्रियत के तमाम लीडर कोने में सीमट गए । आतंकवाद दम तोड़ती नज़र आ रही थी । माहोल ऐसा कि नई हुकूमत इस बार लोगों के दिलो दिमाग पर छा जायेंगी । ओमर अब्दुल्ला के लिए यह मौका था लेकिन उन्होंने यह कीमती वक्त हनीमून मे ही जाया कर दिया । याद कीजिये ओमर अब्दुल्ला का वह जोशीला भाषण । विश्वास प्रस्ताव पर संसद में महज दो मिनट के भाषण से वे मिडिया के हीरो बन गए थे । कश्मीर में नौजवानों ने उन्हें हाथो हाथ लिया था । कांग्रेस के आलाकमान इस भाषण से इतने प्रभावित हुए थे कि जब