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मार्च 9, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी

पॉलिटिक्स यानि प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी ,यह वाक्य दोहराते हुए आपको भले अटपटा लगे लेकिन बाजारवाद के इस दौर मे आप भी देर सवेर इस सच को स्वीकार जरूर करेंगे। मैं नहीं कहता हूँ कि आप मेरी बात से इतिफाक रखिए लेकिन जरा कुछ चेहरे पर गौर कीजिये ,अभिषेक मनु सिंघवी , सत्यव्रत चतुर्वेदी , आनंद शर्मा , कपिल शीबल , अरुण जेटली , जक्वेद्कर , बलवीर पुंज , प्रेम गुप्ता , अमर सिंह , सतिस चंद्र मिश्रा ऐसे दर्जनों चेहरे आपको प्राइम टाइम के टेलीविजन शो मे करीब करीब हर दिन दिख जायेंगे । भारत के ७० करोड़ मतदाता को शायद ही इनसे कभी भेंट हो (हराने जितने कि बात आप छोड़ दीजिये ) अपनी पार्टी के यही लोग चेहरे हैं । आप कह सकते है कि अपनी अपनी कम्पनी के ये मार्केटिंग मेनेजर हैं। कांग्रेस देश के सबसे बड़ी जनतांत्रिक पार्टी है ये बात अलग है कि मैडम सोनिया गाँधी के अलावे इस पार्टी मे कोई दूसरा अध्यक्ष नही हो सकता । कांग्रेस पार्टी मे सोनिया जी सबसे ज्यादे दिनों तक प्रेसिडेंट रहने का गौरव हासिल किया है । राहुल बाबा ने कब क्या कहा यह याद रखना हर पार्टी pravakta के लिए जरूरी होता है । कोंग्रेस के एक pravakta सकिल साहब को राह