संदेश

जनवरी 17, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गाँधी हो या तेंदुलकर नाम ही काफी है

चित्र
कहते है कि कुछ लोग जनम जात महान होते है .कुछ लोग अपनी मेहनत से महानता प्राप्त करते है और  कुछ लोगों पर महानता थोपी जाती है . लेकिन इन दिनों महान बनाने का जिम्मा मीडिया  ने भी ले लिया है .अपने देश के कुछ अजीब प्राणी में मै अपने आपको रखता हूँ जिसे क्रिकेट के बारे में कोई जानकारी नहीं है .लेकिन मीडिया में अर्जुन तेंदुलकर को लेकर तेज हुई चर्चा के बीच मेरी जिज्ञासा बढ़ी ये दूसरा तेंदुलकर कौन है .पता चला कि साहबजादे सचिन तेंदुलकर के पुत्र है जिन्होंने क्रिकेट की दुनिया मे कदम रखा है .मुझे लगा कि अब बाप बेटा दोनों क्रिकेट खेलेंगे इसमें इतनी बड़ी चर्चा क्यों है .अपने राजनेताओं के बच्चे साथ साथ ही तो सियासी बल्ला चमका रहे है .अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन साथ साथ फिल्मो में काम कर रहे है . बाद में पता चला कि अंडर १३ नेशनल चैम्पियन ट्राफी मे जुनिओर सचिन ने हिस्सा लिया है . लेकिन इस ट्राफी में और २१ बच्चे होंगे जो अपने अपने माँ बाप का जरूर आँखों का तारा होगा ,घर का दुलारा होगा या फिर उनके माँ बाप उन्हें यहाँ तक पहुचाने के लिए काफी पापड बेले होंगे लेकिन उन बच्चो का कोई नाम लेने वाला नहीं थ...