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सदैव अटल की पार्टी में सर्वसहमति वाली फेविकोल ढीली हो गयी है !

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सदैव अटल !अटल थे अटल हैं और अटल रहेंगे .गीता का यह उपदेश 'न दैन्यं न पलायनम्' ( दीनता नहीं चाहिए , चुनौतियों से भागना नहीं , बल्कि जूझना जरूरी है ) यह उनके जीवन का दर्शन था। देश उनके जन्म दिन को सुशासन दिवस के रूप में मना रहा है लेकिन यह जानना भी जरुरी है क्यों अटल थे अटल हैं और अटल रहेंगे। अयोध्या में राम मंदिर को लेकर अटल जी काफी संजीदा थे। उनकी इच्छा थी कि जनम भूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो,उनके राम गाँधी ज ी के राम से अलग नहीं थे अयोध्या के राम उनके आदर्श थे । लेकिन सोमनाथ से अयोध्या की आडवाणी जी की रथ यात्रा का प्रस्ताव बीजेपी कार्यकारिणी में आया तो अटल जी ने इसका विरोध किया था । उन्होंने कहा इससे देश में विरोध बढ़ेगा। लेकिन कार्यकारिणी ने एक स्वर से रथ यात्रा का प्रस्ताव पारित किया। आडवाणी जी की यात्रा को हरी झंडी दिखाने अटल जी पहुंचे और भव्य यात्रा की शुरुआत की । वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यात्रा का संचालन कर रहे थे। किसी ने अटल जी से पूछ लिया " आपने जब रथ यात्रा का विरोध किया था तब हरी झंडी दिखाने क्यों आये? अटल जी का जवाब था वह मेरा व्यक्तिगत फैसला था ...