उत्तर प्रदेश एक राजनितिक प्रयोगशाला
दीनदयाल उपाध्य जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मनाये जाने वाला गरीब कल्याण वर्ष और नोटबंदी का क्या कोई ताल्लुक है ? जरा सोचिये इंदिरा जी का बैंकों का राष्ट्रीकरण से गरीबो का कोई सरोकार था क्या ? "गरीबी हटाओ" के इंदिरा जी का नारा क्या देश से गरीबी हटा पाया तो क्या पी एम मोदी का जनधन एकाउंट योजना गरीबों के एकाउंट में पैसा डाल पाया क्या ? शायद नहीं !लेकिन गरीबों का नाम लेकर इंदिरा जी और उनका परिवार वर्षों तक इस देश पर शासन किया तो क्या पी एम मोदी भी चुनाव जीतने के लिए "गरीबी" का जबरदस्त मार्केटिंग कर रहे हैं ? भाई, आज भी गरीब और किसान की चर्चा तो सबसे ज्यादा राहुल बाबा करते हैं क्योंकि यह अबतक कांग्रेस का कॉपीराइट रहा ,फिर लोगों को उनकी बात पर यकीन क्यों नहीं हो रहा ? क्यों यू पी में समाजवाद और दलितवाद ,जातिवाद ,सम्प्रदायवाद का प्रयोग धरासायी हो गया है ? शायद इसलिए अब गरीब सहानुभूति नहीं चाहते वो सियासी लीडरों का एहसान नहीं चाहते। अगर एक्सप्रेस वे को अखिलेश अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं तो हर गरीब को पता है कि उनका पूरा खानदान आज रिअलिटी बिज़नस में क्यो