कौन है इस देश का दुश्मन :जेहादी या हमारे नेता ....
जरा इन तस्वीरों पर गौर कीजिये कमोवेश यही सूरत हमारे सुरक्षाबलों की है जो अपने मारे गए साथी को लेकर खून के आंसू बहाता है लेकिन वो कुछ कर नही सकता है । पूँछ के सरहदी इलाके में सेना के हालिया मुठभेड़ में सुरक्षा वलों के तीन जवान मारे गए । लगातार ९ दिनों तक चले ओपरेशन के बाद सेना ने यह कहते हुए करवाई बंद कर दी कि सभी आतंकवादी सरहद्पार जाने में कामयाब हो गए हैं । हलाकि दबी जुबान से यह भी बताया जा रहा है कि आतंकवादियों को सरहद पार भाग जाने के लिए सेफ पासेज दिया गया था , बताया जाता है कि आतंकवादियों ने कई लोगों को बंधक बना लिया था .हो सकता है कि उसमे कुछ सेना के भी जवान हों।हमें इस बात से तनिक भी शर्म नही होने चाहिए क्योंकि १९९५ में चरारे शरीफ में घुस आए अफगानी दहशतगर्द मस्त्गुल और उसके दर्जनों साथियों को हमने सेफ पासेज दिया था । इसी श्रीनगर के हजरत वाल के मशहूर दरगाह में घुसे आतंकवादियों को एक महीने तक बिरयानी और कबाब खिलने के बाद हमने सेफ पासेज दे दिया था । पाकिस्तान के आतंकवादी शिविरों पर हमला करने की यही है हमारी राजनितिक इच्छाशक्ति । पुँछ के इसी इलाके में २००३ में सेना ने ओपरेशन सर