लोग पूछते है क्या वाजपेयी दोबारा नहीं आयेंगे ?
हानि लाभ के पलडो में ,तुलता जीवन व्यापर हो गया .! मोल लगा विकने वालों का ,बिना बिका बेकार हो गया ! मुझे हाट में छोड़ अकेला ,एक एक कर मीत चला जीवन बीत चला .... एक दार्शनिक -राजनीतिग्य अटल बिहारी वाजपेयी जीवन के ९० वे वसंत पूरा कर इन दिनों जिंदगी के अखिड़ी पड़ाव पर खड़े हैं ।राजनीती के अखाड़े में अपनी प्रखर बौधिक क्षमता की बदौलत अटल जी 50 साल तक निरंतर अजेय रहे। अपने सिधान्तो लेकर वे हमेशा अटल रहे .गैर कांग्रेसी सरकार के वे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने 6 साल देश के शासन की जिम्मेदारी संभाली और देश के आर्थिक प्रगति खासकर संचार और सड़क निर्माण देश को जोड़ने में अटल जी का योगदान मील का पत्थर साबित हुआ है .संवाद और संपर्क अटल जी के विकास दर्शन में शामिल थे और यही दर्शन उनके शासन काल में आदर्श बना यही वजह है की भारत में संचार क्रांति और सड़क निर्माण का जो सिलसिला अटल जी ने शुरू किया उसने देश की दिशा और दशा बदल दी .कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी को जोड़ने का अटल जी का प्रयास आज देश को भौगोलिक रूप से एक सूत्र में बाँध दिया है ,उनकी संचार क्रांति ने देश में लोकतंत्र को दुबारा प्रतिस्थ