मोदी आज सबसे बड़े गांधीवादी और कांग्रेसी हैं ?
"ऐसा देश है मेरा" केरल में आयी भयानक बाढ़ का असर अभी पूरी तरह से ख़तम हुआ नहीं ,हज़ारो लोग अभी भी टेंट और कैंप में है लेकिन ओणम त्यौहार को लेकर , अपने महाबली के स्वागत को लेकर वहां हर केरलवासी में गजब का उत्साह है। महाबली केरल की लोककथा के जननायक हैं लोग आज भी अपने को उस महान कल्याणकारी राजा के प्रजा के रूप में समझते हैं। मजहब कोई भी हो लेकिन संस्कृति एक है ,परंपरा एक है फिर संघर्ष भी एक है। जिस देश में हर धर्म और मजहब ने सम्मान पाया हो ,साझी विरासत और साझी रिवायत पहचान रही हो उस देश में आईडिया ऑफ़ इंडिया और टॉलेरेंस का पाठ बचकाना लगता है ठीक वैसे ही जैसे राहुल गाँधी भारत में सीरिया और मुस्लिम ब्रॉदरहुड ढूंढ रहे हैं। यह जानते हुए भी उसी मुस्लिम ब्रॉदरहुड के नेता मोहम्मद मोर्सी को उन्ही की कांग्रेस सरकार ने 2013 में दिल्ली बुलाकर स्वागत किया था। तो क्या उनकी यू पी ए सरकार को सांप्रदायिक और राष्ट्रविरोधी माना जाय।
आज़ाद भारत में वोट देने के अधिकार को लेकर संविधान सभा में सहमति बनी की साक्षर और पढ़े लिखे व्यक्ति ही एम एल ए और एम पी चुन सकते हैं। यह बात गाँधी जी की सूचना में आयी। गांधी जी ने नेहरू जी से कहा था "इस देश का किसान जमीन में अंगूठा लगा कर आने वाले मौसम का हाल बताता है। लेकिन इस देश की संस्कृति/मिजाज और इतिहास को कुछ अंग्रेजीदा इतिहासकार को पढ़कर लबताया जा रहा है । राहुल गाँधी सुनी सुनाई बात से भारत के बारे में ,उसकी व्यवस्था के बारे में राय जाहिर कर रहे हैं। उनका अनौपचारिक और औपचारिक संपर्क/संवाद कुछ पसंदीदा लोगों से है। जो उन्हें आईडिया ऑफ़ इंडिया के बारे में सतही जानकारी बता रहे हैं। सरकार और प्रधानमंत्री की आलोचना उनका राष्ट्रहित माना जा सकता है लेकिन भारत के बारे में उसके समाज के बारे में राहुल गाँधी जिस तरह अपनी राय बतौर एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के रूप में रख रहे हैं इससे वे देश से ज्यादा अपना नुक्सान कर रहे है।
समाज में हर व्यक्ति और संगठन का योगदान है। देश की आज़ादी की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का योगदान अविश्मरणीय है लेकिन इस देश को सवल और स्वाभिमानी राष्ट्र बनाने में संघ जैसे दूसरे संगठनो का भी महत्वपूर्ण योगदान है। क्या अटल बिहारी वाजपेयी का देश बनाने में इंदिरा जी और राजीव जी से कम योगदान था ? अगर गांधी के सत्याग्रह को आदर्श मानकर मोदी ने देश में स्वच्छता और व्यवहार परिवर्तन का एक और आंदोलन खड़ा किया है, अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की चिंता को मोदी सरकार ने सबसे ऊपर रखा है तो माना जाएगा मोदी सबसे बड़े गांधीवादी हैं । अगर मोदी ने सरदार बल्लभ भाई पटेल के आदर्शो को आत्मसात करने की कोशिश की है और भारत की सशक्त छवि को दुनिया के सामने रखा है तो माना जायेगा कि मोदी सबसे बड़े कांग्रेसी है। कांग्रेस इस देश की परंपरा है यह गाँधी परिवार से शुरू और ख़तम नहीं होती है। यह बात राहुल गांधी को समझने की जरुरत है कि इस देश में चार विचारधारा वाले भाई चार अलग अलग सम्प्रदाय को मानने वाले एक परिवार में रहते हैं। कभी धर्म और विचारधारा को लेकर इनके बीच तकरार नहीं होती है। यहाँ किसी ने आईडिया ऑफ़ इंडिया किताबो में नहीं पढ़ा है यह परंपरा उसके डीएनए में है।
टिप्पणियाँ