प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी
पॉलिटिक्स यानि प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी ,यह वाक्य दोहराते हुए आपको भले अटपटा लगे लेकिन बाजारवाद के इस दौर मे आप भी देर सवेर इस सच को स्वीकार जरूर करेंगे। मैं नहीं कहता हूँ कि आप मेरी बात से इतिफाक रखिए लेकिन जरा कुछ चेहरे पर गौर कीजिये ,अभिषेक मनु सिंघवी , सत्यव्रत चतुर्वेदी , आनंद शर्मा , कपिल शीबल , अरुण जेटली , जक्वेद्कर , बलवीर पुंज , प्रेम गुप्ता , अमर सिंह , सतिस चंद्र मिश्रा ऐसे दर्जनों चेहरे आपको प्राइम टाइम के टेलीविजन शो मे करीब करीब हर दिन दिख जायेंगे । भारत के ७० करोड़ मतदाता को शायद ही इनसे कभी भेंट हो (हराने जितने कि बात आप छोड़ दीजिये ) अपनी पार्टी के यही लोग चेहरे हैं । आप कह सकते है कि अपनी अपनी कम्पनी के ये मार्केटिंग मेनेजर हैं। कांग्रेस देश के सबसे बड़ी जनतांत्रिक पार्टी है ये बात अलग है कि मैडम सोनिया गाँधी के अलावे इस पार्टी मे कोई दूसरा अध्यक्ष नही हो सकता । कांग्रेस पार्टी मे सोनिया जी सबसे ज्यादे दिनों तक प्रेसिडेंट रहने का गौरव हासिल किया है ।
राहुल बाबा ने कब क्या कहा यह याद रखना हर पार्टी pravakta के लिए जरूरी होता है । कोंग्रेस के एक pravakta सकिल साहब को राहुल बाबा kee बात याद नही रही आपाधापी मे सिंघवी जी को बुलाना पड़ा कि आख़िर राहुल ने क्या कहा था । ये मैडम कि पार्टी है और उनकी सरकार । काम अच्छा हुआ to क्रेडिट मैडम को मिलेगा अगर सरकार कि पॉलिसी की आलोचना हुई to मैडम सरकार को लैटर लिखेंगी ।
जनतांत्रिक पार्टी होने के दावे बी जे पी भी करती है लेकिन शायद ही किसी को मालूम हो कि राजनाथ सिंह को क्यों adhyksh बनाया जाता है क्यों वेंकैया को पूरा समय तक अध्यक्ष की कुर्शी नसीब नही होती है क्यों सत्रुघन सिन्हा के लिए पार्टी अपना दर्बाजा बंद कर लेती है ।
यानि पसंद नापसंद का पैमाना इस पार्टी मे भी ऐसी है जैसी कांग्रेस मे
लालू यादव के साथ आप हर फ्रेम मे प्रेम गुप्ता को पाएंगे संसद हो या संसद के बाहर प्रेम गुप्ता आपको लालू जी कि छाया तरह नजर आयेंगे प्रेम गुप्ता जी बिहार से नही हैं जो लालू जी के सोशल इंजीनियरिंग मे फिट बैठते हो फ़िर उनकी tarakki का रहस्य आप भी समझ सकते हैं ।
अमर सिंह कहते है कि पार्टी चलाआने के लिए चर्चा पर्चा और खर्चा जरुरी है । मार्केटिंग के इसी ब्रहम वाक्य को आज सब ने अपना आदर्श बना लिया है । आम कार्यकर्ता हासिये पर धकेल करके पार्टी के सी ई ओ और मर्केतीनग मैनेजर ने हर पार्टी को लिमिटेड कंपनी बना दिया है.
राहुल बाबा ने कब क्या कहा यह याद रखना हर पार्टी pravakta के लिए जरूरी होता है । कोंग्रेस के एक pravakta सकिल साहब को राहुल बाबा kee बात याद नही रही आपाधापी मे सिंघवी जी को बुलाना पड़ा कि आख़िर राहुल ने क्या कहा था । ये मैडम कि पार्टी है और उनकी सरकार । काम अच्छा हुआ to क्रेडिट मैडम को मिलेगा अगर सरकार कि पॉलिसी की आलोचना हुई to मैडम सरकार को लैटर लिखेंगी ।
जनतांत्रिक पार्टी होने के दावे बी जे पी भी करती है लेकिन शायद ही किसी को मालूम हो कि राजनाथ सिंह को क्यों adhyksh बनाया जाता है क्यों वेंकैया को पूरा समय तक अध्यक्ष की कुर्शी नसीब नही होती है क्यों सत्रुघन सिन्हा के लिए पार्टी अपना दर्बाजा बंद कर लेती है ।
यानि पसंद नापसंद का पैमाना इस पार्टी मे भी ऐसी है जैसी कांग्रेस मे
लालू यादव के साथ आप हर फ्रेम मे प्रेम गुप्ता को पाएंगे संसद हो या संसद के बाहर प्रेम गुप्ता आपको लालू जी कि छाया तरह नजर आयेंगे प्रेम गुप्ता जी बिहार से नही हैं जो लालू जी के सोशल इंजीनियरिंग मे फिट बैठते हो फ़िर उनकी tarakki का रहस्य आप भी समझ सकते हैं ।
अमर सिंह कहते है कि पार्टी चलाआने के लिए चर्चा पर्चा और खर्चा जरुरी है । मार्केटिंग के इसी ब्रहम वाक्य को आज सब ने अपना आदर्श बना लिया है । आम कार्यकर्ता हासिये पर धकेल करके पार्टी के सी ई ओ और मर्केतीनग मैनेजर ने हर पार्टी को लिमिटेड कंपनी बना दिया है.
टिप्पणियाँ
Amit Kumar ANI
"स्व से ऊँचा चरित्र कठिन है ,
राजनीति में मित्र कठिन है ,
किसी जुआरी के अड्डे पर-
वातावरण पवित्र कठिन है !"
Rajesh Roshan