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ये बीजेपी हारती क्यों नहीं है ? सिर्फ जनता जानती है

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 ये बीजेपी हारती क्यों नहीं है ? सिर्फ जनता जानती है  पाकिस्तान के खिलाफ पीएम मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने सिर्फ पाकिस्तान के अंदर दहशत नहीं पैदा किया था बल्कि विपक्ष की सियासत का मनोबल भी तोड़ दिया था। दुनिया के लिए यह चौकाने वाला ऑप्रेशन था,पाकिस्तान के लिए उसके वजूद पर सवालिया निशान था कि उसके नुक्लिएर बम धरे के धरे रह गए और भारत ने 6 एयर बेस को तबाह कर दिया। पाकिस्तानी फौज के लिए सदमा था कि उसके सबसे बड़े दहशतगर्द फैक्ट्री मुरीदके और बहावलपुर को भारतीय सेना ने मलवे के ढेर में तब्दील कर दिया था। लेकिन जितनी शिद्दत  से पाकिस्तान अपना घाव छुपा रहा था उसका दर्द भारत के विपक्ष की सियासत में दिख रहा था। युद्द किया तो इतनी जल्दी ख़त्म क्यों कर दिया। इंदिरा जी की तरह पाकिस्तान को दो दुकड़े क्यों नहीं किया ,PoK क्यों नहीं लिया ,भारत के कितने विमान गिरे ,कितने जवान शहीद हुए बगैरह बगैरह सवाल मोदी सरकार पर दागे जा रहे थे।  कांग्रेस का यह सवाल सिर्फ इसलिए था कि इतिहास में सिर्फ एक आयरन लेडी इंदिरा गांधी ही हो सकती है।  48 घंटे के ऑपरेशन में पाकिस्तान घुटने के बल खड़ा था...

बेईमानों की प्रतिभा के सामने देश लाचार है ?

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बेईमानों की प्रतिभा के सामने देश लाचार है ? चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया बी आर गवई ने एक कांफ्रेंस में कहा कि मेरे बैच का टॉपर क्रिमिनल लॉयर बना। दूसरे नंबर पर आने वाला हाई कोर्ट का जज बना और मैं भारत का मुख्य न्यायाधीश बना  हूँ। ये उदहारण है कि रैंक से सफलता नहीं  सफलता मेहनत ,लगन समर्पण से मिलती है। लेकिन न्यायमूर्ति गवई के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि वंशवादी सियासत में ऐसी कौन सी प्रतिभा है कि लाखो करोडो रु की संपत्ति अर्जित करके ,दर्जनों भ्रष्टाचार के आरोप के वाबजूद देश का संविधान और कानून उन्हें कुछ बिगाड़ नहीं सकता।आखिर राजनेताओं में ऐसी कौन सी प्रतिभा लगन है कि वे हर बार बेदाग़ साबित होते हैं । ऐसा कौन से टैलेंट नेताओं के पास है कि एक झटके में सत्ता की सीढ़ी चढ़कर फाइव स्टार लाइफ स्टाइल अपनाकर  अपनी कई पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित कर जाते हैं।  ADR ने हाल में ही खुलासा किया है कि CM रेवंत रेड्डी ,एम् के स्टालिन पर सबसे ज्यादा आपराधिक मुकदद्मे दर्ज हैं।  हालाँकि विपक्ष सोनिया गाँधी ,राहुल गाँधी ,अखलेश यादव ,तेजस्वी यादव ,लालू यादव ,केजरीवाल ,हेमंत सोरेन ,अभिषे...

भने समय स चलि गेलाह हरिमोहन बाबू !

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 भने समय स चलि गेलाह  हरिमोहन बाबू ! कल्पना करियो आई अगर खटर काका रहितैथ त आजुक मैथिल समाज के देखि माथा पिटी लेय तैथ। मोबाईल फोन ऐला स पहिने भने चलि गेला हरिमोहन बाबू।मिथिला में एक दोसरा के भेट भेला पर पूछल जायत छल। की समाचार ?हरिमोहन बाबू रहितैथ त कहि तैथ समाचार के अर्थ छैक सम्यक आचार। यानी हम स्न्नान केने ,पूजा केने ,जलपान केने छी। भोजन करब शेष अछि। और कोनो समाचार जानय चाहैत छी।आन्दित मिथिला गप्प में महा काव्यक रचना करैत छल।  लोक जीवी मिथिला एक दोसर स बात कई क तृप्त होयत छल। आई  सभक समाचार मोबाईल फोन तक सिमित अछि। घर लग लाल काकी नहीं रहलीह से समाचार नहीं अछि लेकिन करीना कपूर के घर चोरी के पूरा समाचार हुनका बुझल छैन। नहि ककरो स गप्प नहीं ककरो स हाल सामचार लेकिन फेसबुक में किनकर रील धमाल मचेने अछि तकर रिव्यू जरूर सबके बुझल छैन यूटूबर के योद्धा सबस खास चर्चा में छैथ।।  अनाप सनाप ,फूहड़ आ अश्लीलता के पराकष्ठा तोड़ैत मैथिल समाजक बीच पॉपुलर रील आ मीम। सोशल मिडिया पर जोक्स और संवाद कतो स अहि बात के गबाही नहीं दैत अछि जे इ हास्य व्यंग्य मिथिला के छी। झारखण्ड सरकार ...

ऑपरेशन ग्रीन हंट में घिरे गृहमंत्री चिदंबरम (16 जनवरी 2010 )

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 नक्सल के खिलाफ जंग दंतेवाडा से नहीं दिल्ली से होनी चाहिए ! ऑपरेशन ग्रीन हंट में घिरे गृहमंत्री चिदंबरम (16 जनवरी 2010  ) {वक़्त बदलता है तो स्थिति कैसे बदलती है। इसे आप मेरे 15 साल पुराने आर्टिकल से समझ सकते है. आज चिदंबरम की जगह गृहमंत्री अमित शाह हैं और प्रधानमंत्री मोदी हैं। नक्सल के खिलाफ जंग सीधे दिल्ली से लड़ी गयी तो नतीजा आपके सामने हैं। आज लाल आतंक के लगभग सभी किले ढह गए तो लगभग सभी  नक्सली टॉप लीडरशिप मारा गया  है } पिछले एक जनवरी से अबतक नक्सल प्रभावित राज्यों की चार बैठके हो चुकी है .केंद्र सरकार का मानना है कि नक्सल के खिलाफ किसी ग्रीन हंट ऑपरेशन की चर्चा नही है। अब गृहमंत्री चिदंबरम कह रहे हैं राज्य सरकारें  यह लडाई खुद लड़ लेगी। खबर यह भी है की केवल छत्तीसगढ़ मे ही इस ऑपरेशन के दौरान अबतक 150  से ज्यादा नाक्साली मारे गए है। यह क्वाइट   डिप्लोमेसी का जमाना है सबकुछ चुपचाप होगा। यानि नक्सल के खिलाफ ज...

जब मोदी ने पाकिस्तान की दुखती नब्ज पर लात रख दिया !

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 जब मोदी ने पाकिस्तान की दुखती नब्ज पर लात रख दिया ( 22 साल पुराने मेरे एक लेख पर आधारित ) जम्मू कश्मीर लिबरेशनफ़्रंट के पूर्व कमांडर  हासिम कुरैशी भारत के विमान को हाईजैक कर पाकिस्तान ले जाने वाले पहले आतंकी थे। 2002 में उनके भारत लौटने पर मैंने उन्हें पाकिस्तान का अनुभव पूछा। उन्होंने कहा था भारत सरकार अंधा है। कश्मीर कोई समस्या नहीं है ,जिस दिन भारत इंडस वाटर ट्रीटी ख़त्म कर देगा। पाकिस्तान घुटने के बल लोटने लगेगा। 23 साल पुराने आर्टिकल को आज मैं रिविजिट कर रहा  हूँ। हाशिम कुरैशी ने कहा था सिर्फ पानी के लिए कश्मीरियों को पाकिस्तान ने जिहाद में झोंक दिया था।  कहते हैं  कि पानी रे पानी तेरा रंग कैसा ,लेकिन यह पानी अगर सियासत के रंग में रंग जाए  तो इसका बदरंग होना तय है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद  पानी पानी हुआ पाकिस्तान को यह अंदाजा नहीं था कि पी एम मोदी  भारत पाकिस्तान के बीच 70 वर्षों की इस समस्या के सूत्र को ढूंढ लेगा   जम्मू कश्मीर स्टडी सेंटर के अरुण कुमार जी अक्सर कहते थे ,आखिर वे कौन लोग हैं  जो कश्मीर को ...

आइडिया ऑफ इंडिया वाले आदि शंकर को प्रणाम!

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 आइडिया ऑफ इंडिया वाले आदि शंकर को प्रणाम ! केदारनाथ मंदिर के चारों ओर निहारते हुए मेरे मन में पहला सवाल आया कि क्या आदि शंकराचार्य एडवेंचर टूरिस्ट थे या केरल के एक सुदूर गांव के कोलंबस थे या चारों दिशा में चार मठ स्थापित करके सनातन संस्कृति के धर्म ध्वजाधारी ।बद्रीनाथ धाम पहुंच कर लगा अगर यहां बद्री विशाल न होते तो क्या हिमालय के नंदा देवी और शिवालिक जैसी पर्वत श्रंखलाएं भी कैलाश मानसरोवर की तरह हमे परमिशन लेकर आना पड़ता।एक सन्यासी बिना युद्ध लड़े सांस्कृतिक राष्ट्र के स्वरूप से समाज का परिचय कराया था। हिमालय की तंग सीढ़ियों और जोखिम भरे रास्ते पर चलते हुए हजारों की तादाद में निरंतर चल रहे यात्रियों में किसी को मोक्ष की कामना है, किसी को बाबा केदारनाथ का दर्शन तो नई पीढ़ी के लिए भारत का सबसे सुंदर एडवेंचर ट्रैकिंग प्लेस। लेकिन आज के आइडिया ऑफ इंडिया वाले लोगों ने कभी यह सोचा भी नहीं होगा कि आदि शंकर ने इन दुर्गम  पहाड़ों पर भी सर्विस सेक्टर बना कर हजारों लोगों की जीविका का बड़ा साधन यात्रा के रूप में दे दिया था। ये भारत का ओरिजिनल आइडिया ऑफ इंडिया है जिसमें सिर्फ गंगा के दम प...

हिंदुत्व कभी हारता क्यों नहीं है !

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 हिंदुत्व कभी हारता क्यों नहीं है !  लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा महीनों बाद अबतक हो रही है। असेंबली बॉयइलेक्शन के नतीजे में  फिर एक बार एन डी ए बनाम इण्डिया गठबंधन की चर्चा भी तेज हुई है। पार्टियां भले ही अलग अलग चुनाव लड़ी हों लेकिन जीत के बाद क्रेडिट संविधान बचाने के नैरेटिव को ही मिलता है। यानी यह पूरा सियासी खेल भारत में हिंदुत्व को लेकर विरासत को लेकर जगी चेतना को पंक्चर करने की साजिश है। 60 साल तक कांग्रेस को सत्ता में बनाये रखने के लिए सत्ता पोषित बुद्धिजीवियों ने हिन्दू ,हिंदुत्व ,भारत ,भारतीयता पर ही सबसे ज्यादा प्रहार किया और एक सबल राष्ट्र को राज्यों के संघ के रूप में जनमानस में प्रचलित किया था  1903 में जब महात्मा गाँधी काशी आये थे तो उन्होंने बाबा विश्वनाथ मंदिर के चारों ओर फैली गंदगी को देखकर कहा था कि अगर हम अपने धर्मस्थलों की स्वच्छता और पवित्रता बहाल करने में विफल हुए हैं फिर हमें स्वराज मांगने का कोई हक़ नहीं है। गांधी जी मानते थे उत्तर से दक्षिण तक पूर्व से पश्चिम तक धार्मिक /आध्यात्मिक स्थल ही  भारत के  ...