ये बीजेपी हारती क्यों नहीं है ? सिर्फ जनता जानती है




 ये बीजेपी हारती क्यों नहीं है ? सिर्फ जनता जानती है 


पाकिस्तान के खिलाफ पीएम मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने सिर्फ पाकिस्तान के अंदर दहशत नहीं पैदा किया था बल्कि विपक्ष की सियासत का मनोबल भी तोड़ दिया था। दुनिया के लिए यह चौकाने वाला ऑप्रेशन था,पाकिस्तान के लिए उसके वजूद पर सवालिया निशान था कि उसके नुक्लिएर बम धरे के धरे रह गए और भारत ने 6 एयर बेस को तबाह कर दिया। पाकिस्तानी फौज के लिए सदमा था कि उसके सबसे बड़े दहशतगर्द फैक्ट्री मुरीदके और बहावलपुर को भारतीय सेना ने मलवे के ढेर में तब्दील कर दिया था। लेकिन जितनी शिद्दत  से पाकिस्तान अपना घाव छुपा रहा था उसका दर्द भारत के विपक्ष की सियासत में दिख रहा था। युद्द किया तो इतनी जल्दी ख़त्म क्यों कर दिया। इंदिरा जी की तरह पाकिस्तान को दो दुकड़े क्यों नहीं किया ,PoK क्यों नहीं लिया ,भारत के कितने विमान गिरे ,कितने जवान शहीद हुए बगैरह बगैरह सवाल मोदी सरकार पर दागे जा रहे थे।  कांग्रेस का यह सवाल सिर्फ इसलिए था कि इतिहास में सिर्फ एक आयरन लेडी इंदिरा गांधी ही हो सकती है।  48 घंटे के ऑपरेशन में पाकिस्तान घुटने के बल खड़ा था। भारत ने अपना मिशन पूरा कर लिया था। सरहदी इलाके में गोलबाड़ी के नुकसान को छोड़कर भारत ने किसी सिविलियन या मिलिट्री इस्टैब्लिशमेंट को पाकिस्तान से दागे गए मिसाइलों और ड्रोन से नुक्सान नहीं होने दिया। हजारो ड्रोन और मिसाइल हमले को भारत की सेना ने हवा में मार गिरया था।1971 से ज्यादा बड़ा घाव ओप्रशन सिन्दूर ने पाकिस्तान को दिया था  लेकिन पीएम मोदी आइरन मैन नहीं हो सकते थे। क्योंकि विपक्ष के नैरेटिव में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प  से  मोदी डर गए थे। 

कहते हैं कि विपक्ष जब यह मान लेता है कि वो जीत नहीं सकता तब पुरे जोर से सरकार के खिलाफ नैरेटिव खड़ा करता है। ऑप्रेशन सिंदूर को लेकर जनता में मोदी के प्रति जगे विश्वास को तोड़ने के लिए राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी सेना की कामयाबी पर सवाल उठाने लगे और सबूत की मांग करने लगे। एयर मार्शल A P सिंह दुखी मन ने कहा है कि मुझे पता था ऑप्रेशन सिंदूर के बाद देश का विपक्ष हमसे सबूत भी मांगेगा इसलिए हमने बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी गलती नहीं की। भारतीय सेना ने ऑप सिन्दूर के सबूत भी देश वासियों के समक्ष रखा। जबकि बालाकोट में एयर स्ट्राइक में हमने जैश ए  मुहम्मद के पूरे ट्रेनिंग कैंप तबाह कर दिया था लेकिन सबूत नहीं लाया। पाकिस्तान ने कहा कौआ मरा था विपक्ष ने इसी नैरेटिव को देश में प्रचारित किया था। 

तीसरी बार सत्ता में लौटे मोदी ने विपक्ष के धैर्य और आत्मविश्वास को हिला दिया है। राहुल गाँधी पूछते हैं कि आईडिया ऑफ़ एंटी इंकम्बैंसी बीजेपी के खिलाफ क्यों नहीं काम करती। दया कुछ तो गड़बड़ है। इस दौर में कांग्रेस की राज्य सरकारें कही रिपीट नहीं करती लेकिन कई राज्यों में दूसरी ,तीसरी ,पांचवी बार बीजेपी सरकार में लौटी है। कांग्रेस पार्टी यह जानती है कि राज्यों में उसके आधार पूरी तरह से खिसक गया है लेकिन चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाकर राहुल गांधी अपनी उपयोगिता और नेतृत्व क्षमता साबित करने में लगे हैं। 

मंदी के दौर से गुजर रही दुनिया और अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ के आतंक के बावजूद भारत के जीडीपी ग्रोथ 7. 2 फीसदी  रहने का अनुमान है। कोविड महामारी के बावजूद भारत की आर्थिक रफ़्तार कभी रुकी नहीं है।  UPA सरकार के फज़ाईल फाइव इकोनॉमी वाला देश मोदी के दौर में फास्टेस्ट ग्रोविंग इकॉनमी के पायदान पर खड़ा  होकर दुनिया के महाशक्तियों का मुँह चिढ़ा रहा है। मनमोहन सरकार के 18500 वाला सेंसेक्स इस दौर में  82000- 85000 पर कदमताल कर रहा है। मोदी सरकार के इस दावे को कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया है को झूठलाने के लिए विपक्ष फिर मुफ्त राशन क्यों का  नैरेटिव देता है। लेकिन विपक्ष खासकर राहुल गाँधी के पास मुफ्त योजना,जाति गणना  छोड़कर विकास का कोई रोडमैप नहीं है लेकिन सत्ता पाने की अकुलाहट ज्यादा है। 

बिहार के चुनाव को लेकर मुद्दे की तलाश में कांग्रेस पार्टी और राजद का निशाना चुनाव आयोग है। वोट अधिकार यात्रा निकालकर राहुल गाँधी वोट चोरी का नैरेटिव उस बिहार में दे रहे हैं जहाँ 2005 से पहले कभी फेयर इलेक्शन नहीं हुए। कांग्रेस और राजद के शासन में बूथ कैप्चरिंग ,बैलेट लूट की आम घटना होती थी। लेकिन राहुल और तेजस्वी लोगों को हारने की वजह वोट चोरी  बता रहे हैं। जाहिर है जब जनता में पार्टी को लेकर कोई भरोसा न हो फिर सारा जोर नैरेटिव पर होता है। पहले संविधान खतरे में था ,आरक्षण खतरे में था अब वोटर लिस्ट से नाम कटा तो राशन बंद हो जाएंगे ,नागरिकता छीन जायेगी का नैरेटिव दिया जा रहा है। 

शॉर्टकट रूप से सत्ता पाने की ललक में अखिलेश यादव  और तेजस्वी यादव मुसलमानों को बीजेपी का भय दिखा रहे हैं लेकिन लोगो को यह नहीं बता रहे हैं कि मुस्लिम समाज की भलाई के लिए वक्फ बोर्ड ,मदरसा बोर्ड से अधिक जरुरी गरीबी दूर करने की योजना है। वोट अधिकार यात्रा में राहुल तेजस्वी के संग अखिलेश यादव ने आज  माइक संभाला है और अपने पीडीए को बीजेपी के खिलाफ अमोघ अस्त्र बता रहे हैं। अखिलेश कहते हैं कि हमारा शोषण  5000 सालों  से हुआ है। समाज को जागना होगा। इनका शोषण विदेशी आक्रांताओं ,मुगलों ,अंगेजो से नहीं हुआ  है। वामपंथी बुद्धिजीवियों  ने इन्हे बताया है कि मनुवाद ने इनका शोषण किया है। इसलिए इन्हे सत्ता चाहिए। जन स्वराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर कहते है कि जातिवाद कहना झूठ है देश में कहीं जाति वाद नहीं है। लालू यादव के बेटा या मुलायम सिंह का बेटा ही क्यों यादव का उत्तराधिकारी होगा। कोई भी पढ़ा लिखा पिछड़ा दलित  वंशवादी पार्टी और सत्ता के शीर्ष पर क्यों नहीं होगा। यह जातिवाद सिर्फ कुछ परिवारों की सियासत जिन्दा रखने का नैरेटिव है। देखना यह है कि विपक्ष बिना ठोस मुद्दे के बिहार में सिर्फ वोट चोरी का मुद्दा बनाकर चुनाव में उतरता है या फिर कोई और मुद्दा या नैरेटिव सामने लाता है। विनोद मिश्रा 

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