अनसुलझे सवाल
कुछ सवाल ऐसे भी होते है कि जिसका जवाब शायद कभी नही मिलता .मसलन आप चाहते है कि आपके हालत मे थोडी तब्दीली आए लेकिन आप ही एक कदम बढ़ाने के लिए तैयार नही है । एक अद्रिस्य डर हमेशा आपको रोकता है । या यूं कहे कि सुविधा मे जीने की आदत आपको कोई रिस्क लेने नही देती । कभी हमे लगता है कि हमारी अपार क्षमता कही कुंद हो रही है लेकिन हर वक्त एक अदृश्य डर आपको रोकता है । कभी आपने लीक से हटकर कुछ करने कि सोची है , लेकिन फिर भी आप कुछ नही कर पाए है तो इसमे आप किसे दोषी ठहरायागे । हमे लगता है कि एक ही सुरताल मे गाते गाते धीरे धीरे हम बेसुरा तो नही हो गए है ।
कुछ लोगो के साथ यही मुश्किल है ओ सोचने के मामले मे काफी आगे होते हैं जबकि करने के मामले मे उनका रिकार्ड फिसिद्दी साबित होता है । हम भी शायद आपकी तरह ही सोचते है कि एक कामयाब और नाकामयाब के बीच बहुत अंतर नही होता है उर्जा लेवल मे भी हम पीछे नही होते फिर चुक कहाँ होती है ?आपकी तरह मैं भी सोचता हूँ कि आपका परिवेश और आपकी पृष्ठभूमि आपके निर्णय लेने कि क्षमता को खास तौर से प्रभावित करती है। तो यह मतलब नही है कि ग्रामीण परिवेश के लोगों का व्यक्तित्व थोडा कुंद होता है । या अपने को बेचने कि कला उन्हें नहीं आती । शिक्षा और व्यवसाय इसके प्रमुख कारन हो सकते हैं । बस के इंतजार मे मैं बसंत्कुंज के स्टैंड पर खड़ा था धुप से बचने के लिए एक रेडी वाला स्टैंड के सेड मे खड़ा होकर मुज्जफरपुर का सेव कि आबाज लगा रहा था । उत्सुकता वस् मैंने पूछा भाई मुज्ज्फरपुर मे सेव कबसे पैदा hone लगा , उसने कहा ये आपको मालूम है lekin यहाँ के लोग ये jante है lichi की तरह सेव भी meetha होगा । बेचने के लिए ये कला seekhni होगी .
कुछ लोगो के साथ यही मुश्किल है ओ सोचने के मामले मे काफी आगे होते हैं जबकि करने के मामले मे उनका रिकार्ड फिसिद्दी साबित होता है । हम भी शायद आपकी तरह ही सोचते है कि एक कामयाब और नाकामयाब के बीच बहुत अंतर नही होता है उर्जा लेवल मे भी हम पीछे नही होते फिर चुक कहाँ होती है ?आपकी तरह मैं भी सोचता हूँ कि आपका परिवेश और आपकी पृष्ठभूमि आपके निर्णय लेने कि क्षमता को खास तौर से प्रभावित करती है। तो यह मतलब नही है कि ग्रामीण परिवेश के लोगों का व्यक्तित्व थोडा कुंद होता है । या अपने को बेचने कि कला उन्हें नहीं आती । शिक्षा और व्यवसाय इसके प्रमुख कारन हो सकते हैं । बस के इंतजार मे मैं बसंत्कुंज के स्टैंड पर खड़ा था धुप से बचने के लिए एक रेडी वाला स्टैंड के सेड मे खड़ा होकर मुज्जफरपुर का सेव कि आबाज लगा रहा था । उत्सुकता वस् मैंने पूछा भाई मुज्ज्फरपुर मे सेव कबसे पैदा hone लगा , उसने कहा ये आपको मालूम है lekin यहाँ के लोग ये jante है lichi की तरह सेव भी meetha होगा । बेचने के लिए ये कला seekhni होगी .
टिप्पणियाँ
We can imagine how good it would be for the society if we nurture all the talents and rural folks in particular. Sad to notice, we are yet to groom them which could bring goods to the country.
Also, another aspect at individual level, we justify the circumstances why we are unable to take decisions and avoid to be risktakers. Compromise can make you survive, not thrive.
But, finally, successful people are those who fight with all the odds they come across. However, it is uncommon and diificult for many. It is equally difficult to leave the comfort zone in the short run to gain something big later!