टी आर पी का भूत
ख़बर है कि आरुशी हत्या कांड ने टी आर पी के तमाम रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है , यहाँ तक की आई पी एल के २०-२० मैच भी ये टी आर पी हासिल नहीं कर पाई थी। बालाजी प्रोडक्शन कम्पनी इसी टी आर पी को झटकने के लिए आरुशी हत्या कांड को बेचने का मन बना लिया था। इसी टी आर पी के कारन उत्तर प्रदेश के आला पुलिश ऑफिसर के अलावा कई पुलिस अहलकार नप गए । देश की सबसे तेज तरार समझे जाने वाली जांच एजेन्सी सी बी आई भी इस टी आर पी के घेरे में फस्ती नजर आ रही है । जांच मे लगे दो अफसरों को विश्राम करने के लिए कहा गया है। यानि टी आर पी का यह खेल ने पूरे सिस्टम को अपने गिरफ्त में ले लिया है ।
यह टी आर पी का ही खेल है कि आप घर पर जैसे ही रिमोट उठाते है कि देखें देश दुनिया का हाल , आप को पता चलता है कि साई बाबा बोलने लगे है । किसी चैनल पर आप को यह बताया जाता है कि यह मक्कारी है, यह भ्रम फैलाने कोशिश है, ये हजारो लाखो भक्तों का अपमान है । टी आर पी के युद्ध में फसे इन चैनल से आप आगे बढ़ते हैं तो अगले चैनल पर आपको यह बताया जाता है कि एक लड़की ने कैसे अपने अपमान का बदला लेने के लिए दुबारा धरती पर नागिन के रूप में जनम लिया है। ठिक दुसरे चैनल पर आपको गोले सर्कल मे भूत से साक्षात्कार कराया जाता है । हमारे यहाँ के एक पत्रकार अभी हाल मे विदेश मंत्री के साथ चीन के दौरे पर थे , इन्फ्लेशन से लेकर बॉर्डर समस्या तक कई ब्रेकिंग न्यूज़ उन्होंने भेजा । लेकिन एक भी ख़बर कही लगने का नाम नही ले रहा था । हमारे संवाददाता इतने उत्साहित थे कि उन्हें ये हर पल कि ख़बर चाहिए कि किस चैनल पर कौन सी ख़बर लगी । लेकिन यहाँ या तो खली को दिखाया जा रहा था या ये विस्तार मे बताया जा रहा था कि कैटरिना और सलमान की जोड़ी क्यों टूटी ?
अगर आप के पास भूत की तस्वीर है या फ़िर आपने किसी शेर को पानी पिलाया है तो आप हमारे एलर्ट जर्नलिस्ट बनिए टी वी चैनलों के इस आकर्षक प्रचार ने कईयों को टी वी जर्नलिस्ट बना दिया ।
अब अगर हमारे सूचना प्रसारण मंत्री नाराज है तो रहे ये तो टी आर पी की डिमांड है । मंत्री हर बार टी वी की ख़बरों में आई भारी गिराबत को लेकर अफ्शोश जाहिर करते है कायदे कानून कि बात भी करते हैं , लेकिन कर कुछ नही पा रहे हैं । आरुशी के एस एम् एस को चटकारे लेकर तथाकथित ख़बर दिखाने वाले चैनल के खिलाफ सख्त करवाई कि बात करने वाले अधिकारी पता नहीं अगले दिन कहाँ गूम हो जाते हैं।
ख़ुद दास मुंशी कह चुके हैं कि टी आर पी के इस तंत्र से उन्हें धमकी भी मिल चुकी है , ऐसी ही धमकी एक बी जे पी के एक लीडर को भी मिल चुकी है । आप समझ सकते हैं कि टी आर पी के इस खेल के आगे मंत्री लाचार हैं , विपक्ष आँखे बंद कर रखा है । बोलने कि आजादी को इस देश में इतने सम्मान है कि कोई इस टी आर पी के गंदे खेल पर हाथ डालने कि हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है ।
जरा गौर कीजिये देश के चार महानगरों के महज ६ हजार घरों के जागरूक दर्शक की राय जान कर एक एजेन्सी यह तय कर देती है कि किस वक्त किस चैनल का टी आर पी सबसे ज्यादा थी और किसका सबसे कम । यानि सरकार विवश है लोग विवश है । अंध विश्वाश का प्रदर्शन अब तक कानूनी जुर्म समझा जाता था अब उसे कानूनी मान्यता मिल गई है? कई चैनल से पॉलिटिकल कवरेज करने वाले सिनिओर जर्नलिस्ट को बॉय बॉय कहा जा रहा है । स्कूप निकालने वाले लोग अब अजब गजब की ख़बरों के लिए खाक छान रहे हैं । भला हो इस टी आर पी का जिसने रिसर्च को बेमानी साबित कर दिया है तो जानकारी कि शेखी बघारने वाले को हासिये पर ला खड़ा किया है । मीडिया का मूल मंत्र अब धंधा से है । आम लोगों के नुमैन्दगी करने वाले लोग अब भूतों और सापों की नुमैन्दगी कर रहे है। टी वी के तमाम एग्जिट पोल फ्लॉप कर रहे हैं लेकिन सरकार को यह डर है कि टी वी ही माहौल बना और बिगाड़ सकता है इस हालत में टी आर पी पर हाल फिल हाल में कोई अंकुश लगे ऐसा मुमकिन नहीं है ।
यह टी आर पी का ही खेल है कि आप घर पर जैसे ही रिमोट उठाते है कि देखें देश दुनिया का हाल , आप को पता चलता है कि साई बाबा बोलने लगे है । किसी चैनल पर आप को यह बताया जाता है कि यह मक्कारी है, यह भ्रम फैलाने कोशिश है, ये हजारो लाखो भक्तों का अपमान है । टी आर पी के युद्ध में फसे इन चैनल से आप आगे बढ़ते हैं तो अगले चैनल पर आपको यह बताया जाता है कि एक लड़की ने कैसे अपने अपमान का बदला लेने के लिए दुबारा धरती पर नागिन के रूप में जनम लिया है। ठिक दुसरे चैनल पर आपको गोले सर्कल मे भूत से साक्षात्कार कराया जाता है । हमारे यहाँ के एक पत्रकार अभी हाल मे विदेश मंत्री के साथ चीन के दौरे पर थे , इन्फ्लेशन से लेकर बॉर्डर समस्या तक कई ब्रेकिंग न्यूज़ उन्होंने भेजा । लेकिन एक भी ख़बर कही लगने का नाम नही ले रहा था । हमारे संवाददाता इतने उत्साहित थे कि उन्हें ये हर पल कि ख़बर चाहिए कि किस चैनल पर कौन सी ख़बर लगी । लेकिन यहाँ या तो खली को दिखाया जा रहा था या ये विस्तार मे बताया जा रहा था कि कैटरिना और सलमान की जोड़ी क्यों टूटी ?
अगर आप के पास भूत की तस्वीर है या फ़िर आपने किसी शेर को पानी पिलाया है तो आप हमारे एलर्ट जर्नलिस्ट बनिए टी वी चैनलों के इस आकर्षक प्रचार ने कईयों को टी वी जर्नलिस्ट बना दिया ।
अब अगर हमारे सूचना प्रसारण मंत्री नाराज है तो रहे ये तो टी आर पी की डिमांड है । मंत्री हर बार टी वी की ख़बरों में आई भारी गिराबत को लेकर अफ्शोश जाहिर करते है कायदे कानून कि बात भी करते हैं , लेकिन कर कुछ नही पा रहे हैं । आरुशी के एस एम् एस को चटकारे लेकर तथाकथित ख़बर दिखाने वाले चैनल के खिलाफ सख्त करवाई कि बात करने वाले अधिकारी पता नहीं अगले दिन कहाँ गूम हो जाते हैं।
ख़ुद दास मुंशी कह चुके हैं कि टी आर पी के इस तंत्र से उन्हें धमकी भी मिल चुकी है , ऐसी ही धमकी एक बी जे पी के एक लीडर को भी मिल चुकी है । आप समझ सकते हैं कि टी आर पी के इस खेल के आगे मंत्री लाचार हैं , विपक्ष आँखे बंद कर रखा है । बोलने कि आजादी को इस देश में इतने सम्मान है कि कोई इस टी आर पी के गंदे खेल पर हाथ डालने कि हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है ।
जरा गौर कीजिये देश के चार महानगरों के महज ६ हजार घरों के जागरूक दर्शक की राय जान कर एक एजेन्सी यह तय कर देती है कि किस वक्त किस चैनल का टी आर पी सबसे ज्यादा थी और किसका सबसे कम । यानि सरकार विवश है लोग विवश है । अंध विश्वाश का प्रदर्शन अब तक कानूनी जुर्म समझा जाता था अब उसे कानूनी मान्यता मिल गई है? कई चैनल से पॉलिटिकल कवरेज करने वाले सिनिओर जर्नलिस्ट को बॉय बॉय कहा जा रहा है । स्कूप निकालने वाले लोग अब अजब गजब की ख़बरों के लिए खाक छान रहे हैं । भला हो इस टी आर पी का जिसने रिसर्च को बेमानी साबित कर दिया है तो जानकारी कि शेखी बघारने वाले को हासिये पर ला खड़ा किया है । मीडिया का मूल मंत्र अब धंधा से है । आम लोगों के नुमैन्दगी करने वाले लोग अब भूतों और सापों की नुमैन्दगी कर रहे है। टी वी के तमाम एग्जिट पोल फ्लॉप कर रहे हैं लेकिन सरकार को यह डर है कि टी वी ही माहौल बना और बिगाड़ सकता है इस हालत में टी आर पी पर हाल फिल हाल में कोई अंकुश लगे ऐसा मुमकिन नहीं है ।
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Amit kumar