अंतुले का बयान आई एस आई के मीडिया मैनेजमेंट का एक हिस्सा है या कुछ और ..

भारत सरकार के एक कद्दाबर मंत्री ऐ आर अंतुले ने यह कह कर सनसनी फैलाने की कोशिश की कि महाराष्ट्र के ऐ टी एस चीफ हेमंत करकरे की मौत पाकिस्तानी आतंकवादिओं की गोली से नहीं हुई है। उनकी यह दलील है कि हेमंत करकरे एक महत्वपूर्ण केस की जांच कर रहे थे ,इसलिए उनकी मौत की वजह कोई दूसरा संगठन भी हो सकता है । यह बयान ठीक उसी तरह से आया जिस तरह अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद यह अफवाह फैलाई गई कि इन धमाकों को अंजाम अलकायदा को बदनाम करने के लिए सी आई ऐ और मूसाद ने दिया था । अरब देशों के अलावा तमाम muslim देशों में यह तर्क आज भी दिया जा रहा है की इन हमलों में एक भी यहूदी शिकार नहीं हुए थे । अंतुले के हालिया बयान को पाकिस्तान ने हाथों हाथ लिया और पुरी दुनिया में यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि मुंबई में हुए आतंकी हमला स्थानीय संगठनों की साजिश है । खास बात यह है कि यह बयान भारत सरकार के एक मंत्री की ओर से आया है तो इसके समर्थन में कई muslim संगठनों ने भी अपना सुर मिलाया है । जाहिर है मुसलमानों के एक तबके में मिले अंतुले के समर्थन से कांग्रेस पार्टी उहा पोह की स्थिति में है तो तथाकथित सेकुलर नेताओं ने अंतुले के बयान का समर्थन किया है । यानी अंतुले के त्यागपत्र देने की मांग जितनी तेजी से हो रही है उसी तेजी से उन्हें समर्थन भी मिल रहा है । यानी एक गहरी साजिश के दल दल में मुंबई हमले की जांच को उलझाने की कोशिश की जा रही है ।
अंतुले के इस बयान से चार दिन पहले संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि अब्दुल हुसैन हारुन ने देवबंद के दारूल उलूम से फतवा देने की मांग की । उनका यह तर्क है कि पाकिस्तान में सरगर्म आतंकवादी देवबंदी विचारधारा को मानने वाले है । और उनपर भारत के देवबंद का असर ज्यादा है । यानि हारुन यह साफ़ तौर पर कह रहे है कि अगर मरकज उल दावा पर प्रतिवंध लगाया जाय तो देवबंद के दारूल उलूम पर क्यों नही ? यानि मुंबई हमले के तार पाकिस्तान भारत से जोड़ने की जी तोड़ कोशिश कर रहा है । देवबंद के मजहबी रहनुमाओं ने पाकिस्तान की कोशिशों की मज्मत की है ,लेकिन बरेलवी समुदाय के प्रमुख मौलान ने यह जोर देकर कहा है कि जम्मू कश्मीर में सरगर्म आतंकवादी देवबंद जहनियत के है । पाकिस्तान के इस प्रोपगंडा को इससे भी बल मिलता है कि केरल के कुछ muslim नौजवान जम्मू कश्मीर में लश्करे तैबा के आतंकवादियों के साथ पकड़े गए है तो कुछ मारे गए हैं । केरल की खुबसूरत मालाबार से जिहाद का यह नया सिलसिला चौकाने वाले है ।
अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी दक्षिण एशिया में जेहाद और आतंकवाद की जड़ भारत को ही मानते हैं । उनकी दलील है कि १९ वी सदी में भारत के सएद अहमद बरेली ने इस्लामिक विचारधारा के जेहाद अवधारणा को प्रयोग में लाया था, उन्होंने ने ही जेहादियों को मुजाहिद्दीन के नाम से महिमा मंडित किया था । हक्कानी का माने तो आधुनिक युग में जो जेहाद से जो हम दो चार हो रहे है वे अपना रोल मॉडल सएद अहमद बरेली को ही मानते है । इसमे कोई दो राय नही की ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवज उठाने में देवबंद का सराहनीय प्रयास रहा है । लेकिन हुसैन हक्कानी जेहाद की जड़ इसी संगठन से जोड़ते है । उन्होंने लिखा है कि सोवियत रूसिया के खिलाफ जिहाद का एलान करने के दौरान पाकिस्तान के हुकुमरानों ने मदरसों में न केबल देवबंद विचारधारा की तरजीह दी बल्कि देवबंदियों को ही जेहादी तैयार करने के लिए उस्ताद के रूप में नियुक्त किया । हुसैन हक्कानी मानते है की ये सब कुछ आई एस आई के संरक्षण में होता रहा है ।
हमारे विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी कह रहे है कि पाकिस्तान की ब्लीडिंग इंडिया बाय थौसंड्स कट्स की निति आज भी जारी है । इसमें कोई दो राय नहीं की पाकिस्तान हमें थका रहा है हमें उलझा रहा है । और इसके नायक हैं आई एस आई और पाकिस्तानी फौज । वहां की हुकूमत आज पाकिस्तान में महज कठपुतली बनी हुई है , सत्ता की डोर पाकिस्तान आर्मी के चीफ जनरल असफाक कयानी के हाथ में है । पाकिस्तान के सद्र और वजीर ऐ आला हर दिन अपने बयान से पलट रहे है और हमें गुमराह कर रहे हैं । आज वहां के हुकुमरानों की स्क्रिप्ट आई एस आई लिख रही है । पिछले वर्षों में १०० से ज्यादा बड़े धमाके करा कर और हजारों बेगुनाह लोगों की जान लेकर आई एस आई ने भारत में अपनी पकड़ से दुनिया को आगाह कराया है । मुंबई धमाके के बाद भारत में हो रही इन बयांवाजियों से आई एस आई के रोल से इंकार नही किया जा सकता । कुछ लोग हालिया पहल में भले ही अपनी सियासत चमका रहे हों लेकिन उन्हें यह नही भूलना चाहिए की वे सिर्फ़ एक मोहरा बन रहे है । एंटी टेर्रोर लाव बनाने में हमारी हुकूमत को पाँच साल लगे है । क्या अंतुले के बयान के निहितार्थ को समझने में उसे महीनों लगेंगे । लेकिन हमें यह नही भूलना चाहिए की अंतुले जैसे लोग नही तो मुसलमान का भला कर रहे है न ही इस देश का , वो जो जहर के बीज बो रहे है वही बीज पाकिस्तान भारत की धरती पर ६० वर्षों से बो रहा है । हम सिर्फ़ काली पट्टी लगाकर इसका मुकाबला नही कर सकते , हमें अविश्वास के गहराते घने बादलों को हटाना होगा । सियासत में गोलबंद करने की कोशिशों को रोकना होगा ।

टिप्पणियाँ

kya aapko ab bhi lagta hai ki musalmaan bharat se jud sakte hain.
नटखट बच्चा ने कहा…
अंतुले अब खोल से बाहर आये है ,ऐसे कई अंतुले है इंतज़ार करिए आते ही होगे
मसिजीवी ने कहा…
अंतुले का मूर्खतापूर्ण बयान कई नेताओं के इतने ही बेवकूफाना बयानों की ही श्रृंखला में एक और बयान है। लेकिन उन सबसे खतरनाक तथा बेहद मुस्लिम विरोधी। बाकी लोगों के साथ साथ कई ऐसे संगठनों की भी बॉंछें खिल उठीं हैं जो मुबई हमले के दौरान अपने बिलों में घुस गए थे मसलन शिवसेना।
अब ये बयान मुसलमानों पर हमला करने का और भी मौका देगा शायद हिंसा का भी। उस पर तुर्रा ये कि कथित मुलमान हितैषी नेता द्वारा किया जा रहा है। मुसलमानों को ही चाहिए कि वे इस कोटि के नेताओं को खुद कौम से बाहर करें।
Unknown ने कहा…
यह सारी कवायद कांग्रेस और लालू की मिलीभगत है, साथ ही अन्तुले जब महाराष्ट्र के सीएम थे उसी समय दाऊद का धंधा खूब फ़ला-फ़ूला, हो सकता है कि अंतुले अपना पुराना "कर्ज" उतार रहे हों…
sarita argarey ने कहा…
अंतुले के बयान को मूर्खता मानना नादानी होगी । ये बहुत ही सोची समझी रणनीति का हिस्सा है । तात्कालिक लाभ के लिए पिछले कुछ सालों से की जा रही कवायद ने देश को अस्थिरता के दलदल में ढकेल दिया है । अभी भी वोट बैंक की चिंता में राजनीतिक दल चुप्पी साधे हैं । हालात यही रहे ,तो इन नेताओं की राजनीति भी बची रहेगी इसमें भी संदेह है ।
Unknown ने कहा…
अंतुले यह ख़ुद कर रहा है या कांग्रेस हाई कमान के आदेशानुआर ऐसा कर रहा है. देश का हित एक बात है और मुसलमानों के वोट दूसरी बात. मुंबई हमलों के बाद कांग्रेस को मजबूरी में ऐसा कुछ करना पड़ा जो उसे लगता है मुसलमानों के एक वर्ग को अच्छा नहीं लगेगा. उन्हें खुश रखने के लिए अंतुले को आगे लाया गया, जो अल्पसंख्यक मामलों के विभाग का मंत्री है और जिस पर मुसलमान भरोसा कर सकते हैं.
बेनामी ने कहा…
Politician like Antulay is trying to weaken the social fabric of India to bake their own cake. Let us guard against it with iron hand.The government must order a CBI probe to unearth ISI links with Indian so called politicians like Antulay.

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