प्रधानमंत्री बनने के लिए पप्पुओं में जंग

सरकार को नींद से जगानी वाली विपक्षी पार्टियों में भी मुद्दा अगला प्रधानमंत्री ही है । पाकिस्तान के मामले में सरकार कुछ नही कर रही है तो विपक्षी दलों के शडो मंत्रिमंडल क्या कर रहे है । प्रधानमंत्री के घोषित उम्मीदवार लाल कृष्ण अडवाणी ब्लॉग लिखने के वजाय अगर पाकिस्तान के मसले पर अपनी रुख से दुनिया को आगाह करते तो शायद इस मुल्क के लिए बेहतर होता । यही वजह है कि इंडिया इंक ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी को सबसे बेहतर उम्मीदवार कहा तो मानो बीजेपी में भूचाल आगया हो । आखिरकार नरेन्द्र मोदी को कहना पड़ा कि अडवानी जी उनके नेता है और वही देश का नेतृत्वा कर सकते हैं । एक प्रधानमंत्री के उम्मीदवार सुश्री मायावती भी है जिनका जन्मदिन का उत्सव ही सबसे बड़ी उपलब्धी है ।मायावती के लिए यह आर्थिक विकास दिवस है , शायद भारत की तस्वीर भी इस दिवस से बदल सकती है यह अलग बात है कि उनके उत्साही कार्यकर्त्ता ,आर्थिक विकास में कुछ लोगों की जान ले सकते हैं । कुल मिलकर प्रधान मंत्री के लिए जो चेहरे हमारे सामने है उनका मूल मंत्र जुगाड़ से है । अगर जुगाड़ से ये प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो हमारे पप्पू क्यों नही ।
अमिरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लोगों को भरोसा दिया चेंज का उसने कहा कि वे सबसे बेहतर उम्मीदवार है और लोगों ने अपना समर्थन दिया । हमारे सामने जो चेहरे हैं वे पिटे हुए मोहरे है । आलाकमान के पास कई डार्क होर्से है जिन्हें वे देश के सामने ला सकते है और देश को बता सकते हैं कि ये प्रधानमंत्री हैं और हो सकता है कि पप्पू धोखा खा जाय । लेकिन इस देश को पप्पुओं के बीच से प्रधानमंत्री चाहिए जो उसे चेंज का भरोसा दे सके ,सुरक्षा का एहसास दे सके । खास कर उसके स्वाभिमान को लौटा सके । इस देश को सीईओ की जरूरत नही है क्योकि देश कोई कारपोरेट कंपनी नही है । यह लाखों करोडो लोगों की संप्रभुता और सम्मान का सवाल है ।देश का मतलब संप्रभुता से होता है सीमा से नही । लाइजन करने वाले लोगों ने इस देश का नेतृत्व अपने हाथ में जबरन छीन लिया है । इस हालत में प्रधानमंत्री पद के लिए भले ही पप्पुओं के बीच जंग हो लेकिन प्रधानमंत्री वही होगा जिसका जुगाड़ होगा और परफेक्ट लाइजन ।क्या इनसे आप अपने देश का स्वाभिमान पा सकते हैं ?
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