पाकिस्तानी फौज का जिहाद और खामोश भारत सरकार
कहते है कि पानी रे पानी तेरा रंग कैसा ,लेकिन यह पानी अगर सियासत के रंग में रंग जाय तो क्या कहने . आतंकवाद के मामले को लेकर पानी पानी हुआ पाकिस्तान एक बार फिर पानी को लेकर अपने जेहादिओं को आगे किया है .पिछले दिनों लश्करे तोइबा के सरगना हाफिज़ मुहमद सईद ने पानी को लेकर भारत के खिलाफ जेहाद करने की बात की है .हाफिज़ मोहमद सईद का यह बयान पाकिस्तान के फोजी जनरल अशफाक कियानी के बयान के ठीक एक दिन बाद आया जिसमे उन्होंने भारत पाकिस्तान के बीच पानी को एक बड़ा मसला माना था . यानी पाकिस्तानी फौज के लिए अब कश्मीर का मामला अब अपना असर खो रहा है .पाकिस्तान के लोगों मे कश्मीर को लेकर अब उतनी दिलचस्पी नहीं है ,सो पाकिस्तानी फौज क्या बेचे तो उन्होंने पानी का मसला उठाकर लोगों के दुखते नब्ज पर हाथ रख दिया है .
इन्डस वाटर ट्रिटी के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय आयोग मौजूद है जो दोनों देशो के बीच पानी के बटवारे पर अपना फैसला देता है .लेकिन पाकिस्तन वाटर कामिसन को नजरंदाज करके लश्करे तोइबा को आगे किया है .यानि पानी के मामले मे अब पाकिस्तान की हुकूमत बात नहीं करेगी बल्कि यह लड़ाई पाकिस्तानी फौज लश्करे तोइबा के जरिये लड़ेगी . सवाल उठता है कि कौन है यह लश्करे तोइबा क्या सम्बन्ध है इसका पाकिस्तानी फौज से ? दुनिया भले ही लश्करे तोइबा को पाकिस्तान का नॉन स्टेट एक्टर माने लेकिन हकीकत यह है कि यह लश्कर पाकिस्तान फौज की अग्रिम पंक्ति का दस्ता है ,यानि चेहरे के रूप मे भले ही हाफिज सईद सामने हो लेकिन परदे के पीछे इसका नेतृत्वा पाकिस्तानी फौज के ऑफिसर ही कर रहे है .
रिचर्ड कोलमेन हेडली मुंबई हमले का सूत्रधार !अमेरिका की जांच एजेंसी इसे लश्कर ऐ तोइबा का आतंकवादी मानता है . पाकिस्तान का यह मूल निवासी क्या भारत के खिलाफ जिहाद के लिए ताना बाना अमेरिका से बुनता था .और अमेरिकी जाँच एजेंसी चुप चाप तमाशा देख रही थी ? जाहिर है इस आतंकवादी का इस्तेमाल अमेरिकी एजेसी अपने मतलब के लिए करती थी ,लेकिन उसने अमेरिका को भी धोखा दिया और उसके कई नागरिक मुंबई हमले मे शिकार हुए . तो क्या हेडली और राणा जैसे आतंकवादी का लीडर हाफिज़ सईद हो सकता है ?क्या मदरसा के भोले भाले अनपढ़ लोगों को जिहादी बनाने वाले मौलवी अब पढ़े लिखे सभ्रांत घरानों के लोगों को जिहादी बाना रहा है ? यकीनी तौर पर कहा जा सकता है कि इन जिहादियों का लीडर कोई और है जो परदे के पीछे है .जाहिर है इसका नेतृत्वा पाकिस्तानी फौज कर रहा है . भारत से हेडली को दूर रखने की साजिश इस बात को और पुख्ता करती है .
प्रधानमंत्री गिलानी और राष्ट्रपति जरदारी को पीछे धकेलते हुए फौजी जनरल कियानी ने भारत के खिलाफ पानी को लेकर मोर्चा खोला है .पाकिस्तान मे यह कहावत काफी मशहूर है कि वहां फौजी जनरल या तो गद्दी पर होता है या फिर हुकुमरान के बाजू मे बैठा होता है . यानि आज भी पाकिस्तान मे वही चलेगा जो वहां पाकिस्तान की फौज चाहेगी .अमेरिका यह बात अच्छी तरह जनता है सो अमेरिका से पाकिस्तान जाने वाले दूत पाकिस्तान मे अपना ज्यादा वक्त जनरल कयानी के साथ गुजारते है .ओबामा की पाक -ऍफ़ निति का कर्ताधर्ता जनरल कियानी को ही बनाया गया है .लेकिन हम आज भी भारत पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध सूधारने की उम्मीद गिलानी और जरदारी से करते है .इन्डस वाटर ट्रिटी पर सवाल उठाकर फौजी जनरल ने भारत को एक संकेत जरूर दे दिया है .
भारत -पाकिस्तान के बीच इन्डस वाटर ट्रिटी के तहत जम्मू कश्मीर से निकलने वाली तीन नदियों सिंध ,झेलम और चेनाव के पानी का इस्तेमाल की इजाजत पाकिस्तान को मिली है ,जबकि सतलज ,व्यास और रावी के पानी पर भारत का अधिकार है .इन्डस वाटर ट्रिटी के मुताबिक १३५ मिलियन एकड़ फीट पानी मे से भारत ३.६ मिलियन एकड़ फीट पानी का इस्तेमाल संग्रहण या फिर सिचाई के लिए कर सकता है .वाबजूद इसके रियासत आजतक ०.८ मिलियन एकड़ फीट से ज्यादा पानी का इस्तेमाल नहीं कर पाया है . बगलिहार पॉवर प्रोजेक्ट के खिलाफ पाकिस्तान ने यह मसला वर्ल्ड बैंक मे उठाया ,वाटर कामिसन ने इसके लिए ओब्जेर्वेर नियुक्त किया .लेकिन पाकिस्तान की यह शिकायत झूठी ही साबित हुई .
तो क्या कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की यह दिलचस्पी सिर्फ पानी को लेकर है .जाहिर है पाकिस्तान को मिलने वाले पानी का सबसे बड़ा श्रोत जम्मू कश्मीर की नदिया ही है . कायदे आज़म जिन्ना ने कभी कश्मीर को शहरग कहा था यानि वह जीवन की धारा जिसके बगैर जिन्दगी नामुमकिन है .जिन्ना का यह प्रेम कश्मीरियों को लिए नहीं था नहीं उन्हें कश्मीर को मजहब को लेकर दिलचस्पी थी . कश्मीर का मसला कल भी पाकिस्तान के लिए पानी का मसला था आज भी उसका दरकार पानी से है . मौसम के बदले मिजाज ने नदियों से पानी को चुरा लिया है .जाहिर है अब सिंध झेलम और चिनव मे पानी की वह धारा ही नहीं है तो पाकिस्तान क्या खायेगा और क्या बेचेगा
.पानी को लेकर पाकिस्तान के पंजाब ,सिंध और बलूचिस्तान के लोग आमने सामने है .सिंध दरिया पर बड़े बड़े बाँध बनाकर पंजाब ने सिंध और बलूचिस्तान के हिस्से का पानी झटक लिया .रबी के सीजन मे पंजाब के खेत आवाद हुए लेकिन सिंध और बलूचिस्तान के खेतों मे एक बूँद पानी नहीं पंहुचा .अब जब लोग इसके खिलाफ सड़क पर उतर आये है तो पाकिस्तान की फौज ने लश्करे तोइबा को आगे किया है और भारत पर पानी की चोरी का इल्जाम लगा रहा है .
बिजली और पानी आज भी वादी मे सबसे बड़ी समस्या है .जम्मू कश्मीर अपने जल संसाधन से ४०००० मेगावाट बिजली पैदा कर सकता है ,लेकिन उसके महज ४५० मेगावाट वाली बगलिहार परियोजना पर पाकिस्तान सवाल उठा रहा है लेकिन फिर भी कश्मीर मे लोग खामोश है .अलगाववादी लीडर पाकिस्तान की पैरवी कर रहे है .लेकिन उसे बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तान के इस प्रोपगंडा का जवाब क्या भारत दे पा रहा है .पाकिस्तान लश्करे तोइबा का खौफ दिखाकर इस मसले पर तीसरे पक्ष को शामिल करना चाहता है .जनरल कियानी इस मसले पर भारत को घेरना चाहता है तो पाकिस्तान मे वह अपना जनसमर्थन बढा रहा है .लेकिन भारत सरकार खामोश है .इस मामले पर शशि थरूर के ट्विटर से कुछ अपेक्षा तो जरूर की जा सकती है .
इन्डस वाटर ट्रिटी के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय आयोग मौजूद है जो दोनों देशो के बीच पानी के बटवारे पर अपना फैसला देता है .लेकिन पाकिस्तन वाटर कामिसन को नजरंदाज करके लश्करे तोइबा को आगे किया है .यानि पानी के मामले मे अब पाकिस्तान की हुकूमत बात नहीं करेगी बल्कि यह लड़ाई पाकिस्तानी फौज लश्करे तोइबा के जरिये लड़ेगी . सवाल उठता है कि कौन है यह लश्करे तोइबा क्या सम्बन्ध है इसका पाकिस्तानी फौज से ? दुनिया भले ही लश्करे तोइबा को पाकिस्तान का नॉन स्टेट एक्टर माने लेकिन हकीकत यह है कि यह लश्कर पाकिस्तान फौज की अग्रिम पंक्ति का दस्ता है ,यानि चेहरे के रूप मे भले ही हाफिज सईद सामने हो लेकिन परदे के पीछे इसका नेतृत्वा पाकिस्तानी फौज के ऑफिसर ही कर रहे है .
रिचर्ड कोलमेन हेडली मुंबई हमले का सूत्रधार !अमेरिका की जांच एजेंसी इसे लश्कर ऐ तोइबा का आतंकवादी मानता है . पाकिस्तान का यह मूल निवासी क्या भारत के खिलाफ जिहाद के लिए ताना बाना अमेरिका से बुनता था .और अमेरिकी जाँच एजेंसी चुप चाप तमाशा देख रही थी ? जाहिर है इस आतंकवादी का इस्तेमाल अमेरिकी एजेसी अपने मतलब के लिए करती थी ,लेकिन उसने अमेरिका को भी धोखा दिया और उसके कई नागरिक मुंबई हमले मे शिकार हुए . तो क्या हेडली और राणा जैसे आतंकवादी का लीडर हाफिज़ सईद हो सकता है ?क्या मदरसा के भोले भाले अनपढ़ लोगों को जिहादी बनाने वाले मौलवी अब पढ़े लिखे सभ्रांत घरानों के लोगों को जिहादी बाना रहा है ? यकीनी तौर पर कहा जा सकता है कि इन जिहादियों का लीडर कोई और है जो परदे के पीछे है .जाहिर है इसका नेतृत्वा पाकिस्तानी फौज कर रहा है . भारत से हेडली को दूर रखने की साजिश इस बात को और पुख्ता करती है .
प्रधानमंत्री गिलानी और राष्ट्रपति जरदारी को पीछे धकेलते हुए फौजी जनरल कियानी ने भारत के खिलाफ पानी को लेकर मोर्चा खोला है .पाकिस्तान मे यह कहावत काफी मशहूर है कि वहां फौजी जनरल या तो गद्दी पर होता है या फिर हुकुमरान के बाजू मे बैठा होता है . यानि आज भी पाकिस्तान मे वही चलेगा जो वहां पाकिस्तान की फौज चाहेगी .अमेरिका यह बात अच्छी तरह जनता है सो अमेरिका से पाकिस्तान जाने वाले दूत पाकिस्तान मे अपना ज्यादा वक्त जनरल कयानी के साथ गुजारते है .ओबामा की पाक -ऍफ़ निति का कर्ताधर्ता जनरल कियानी को ही बनाया गया है .लेकिन हम आज भी भारत पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध सूधारने की उम्मीद गिलानी और जरदारी से करते है .इन्डस वाटर ट्रिटी पर सवाल उठाकर फौजी जनरल ने भारत को एक संकेत जरूर दे दिया है .
भारत -पाकिस्तान के बीच इन्डस वाटर ट्रिटी के तहत जम्मू कश्मीर से निकलने वाली तीन नदियों सिंध ,झेलम और चेनाव के पानी का इस्तेमाल की इजाजत पाकिस्तान को मिली है ,जबकि सतलज ,व्यास और रावी के पानी पर भारत का अधिकार है .इन्डस वाटर ट्रिटी के मुताबिक १३५ मिलियन एकड़ फीट पानी मे से भारत ३.६ मिलियन एकड़ फीट पानी का इस्तेमाल संग्रहण या फिर सिचाई के लिए कर सकता है .वाबजूद इसके रियासत आजतक ०.८ मिलियन एकड़ फीट से ज्यादा पानी का इस्तेमाल नहीं कर पाया है . बगलिहार पॉवर प्रोजेक्ट के खिलाफ पाकिस्तान ने यह मसला वर्ल्ड बैंक मे उठाया ,वाटर कामिसन ने इसके लिए ओब्जेर्वेर नियुक्त किया .लेकिन पाकिस्तान की यह शिकायत झूठी ही साबित हुई .
तो क्या कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की यह दिलचस्पी सिर्फ पानी को लेकर है .जाहिर है पाकिस्तान को मिलने वाले पानी का सबसे बड़ा श्रोत जम्मू कश्मीर की नदिया ही है . कायदे आज़म जिन्ना ने कभी कश्मीर को शहरग कहा था यानि वह जीवन की धारा जिसके बगैर जिन्दगी नामुमकिन है .जिन्ना का यह प्रेम कश्मीरियों को लिए नहीं था नहीं उन्हें कश्मीर को मजहब को लेकर दिलचस्पी थी . कश्मीर का मसला कल भी पाकिस्तान के लिए पानी का मसला था आज भी उसका दरकार पानी से है . मौसम के बदले मिजाज ने नदियों से पानी को चुरा लिया है .जाहिर है अब सिंध झेलम और चिनव मे पानी की वह धारा ही नहीं है तो पाकिस्तान क्या खायेगा और क्या बेचेगा
.पानी को लेकर पाकिस्तान के पंजाब ,सिंध और बलूचिस्तान के लोग आमने सामने है .सिंध दरिया पर बड़े बड़े बाँध बनाकर पंजाब ने सिंध और बलूचिस्तान के हिस्से का पानी झटक लिया .रबी के सीजन मे पंजाब के खेत आवाद हुए लेकिन सिंध और बलूचिस्तान के खेतों मे एक बूँद पानी नहीं पंहुचा .अब जब लोग इसके खिलाफ सड़क पर उतर आये है तो पाकिस्तान की फौज ने लश्करे तोइबा को आगे किया है और भारत पर पानी की चोरी का इल्जाम लगा रहा है .
बिजली और पानी आज भी वादी मे सबसे बड़ी समस्या है .जम्मू कश्मीर अपने जल संसाधन से ४०००० मेगावाट बिजली पैदा कर सकता है ,लेकिन उसके महज ४५० मेगावाट वाली बगलिहार परियोजना पर पाकिस्तान सवाल उठा रहा है लेकिन फिर भी कश्मीर मे लोग खामोश है .अलगाववादी लीडर पाकिस्तान की पैरवी कर रहे है .लेकिन उसे बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तान के इस प्रोपगंडा का जवाब क्या भारत दे पा रहा है .पाकिस्तान लश्करे तोइबा का खौफ दिखाकर इस मसले पर तीसरे पक्ष को शामिल करना चाहता है .जनरल कियानी इस मसले पर भारत को घेरना चाहता है तो पाकिस्तान मे वह अपना जनसमर्थन बढा रहा है .लेकिन भारत सरकार खामोश है .इस मामले पर शशि थरूर के ट्विटर से कुछ अपेक्षा तो जरूर की जा सकती है .
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