क्या उखाड़ लेंगे अन्ना

हाथ में दो केला और एक सेव थामे मै कुछ देर निर्विकार भाव से ठेले वाले को निहारता रहा ..मुझे लगा उसने अभी अभी जो कीमत बताई है वह शायद उसका फम्बल था  .मैंने उसे  रिटेक देने के आग्रह के साथ दुबारा कीमत बताने को कहा .उसने लगभग खीजते हुए कहा "यहाँ रिटेक नहीं चलता आपने सही सुना है " यानि पुरे ४५ रुपया ठेले वाले   को  भुगतान  करके मै यह गीत गुनगुनाता वापस ऑफिस की ओर चला "मोरे सैया तो खुबे कमात है ,महगाई डायन खाई जात है " .फल खाने का यह आईडिया अचानक क्यों आया .इस बात पर मैं खुद अपने आपको कोस रहा था .अभी अभी तो कैंटीन वाला से लड़कर बाहर आया था .४० रुपया में थाली ,लूट है क्या ? मैंने हुंकारते हुए कहा था इतने पैसे के फल खरीद कर खा लेंगे .बुद्ध को ज्ञान प्राप्त होने में १८ साल लग गए थे लेकिन मुझे यह ज्ञान कुछ मिनटों में मिलगया .ऑफिस आकर मै यह खबर पढ़ कर तनिक भी विचलित नहीं हुआ की मुंबई में एक माँ अपने 6 साल के बेटे को लेकर ७ वी मंजिल  से छलांग लगा दी .ओड़िसा में एक माँ ने  पाच बच्चों के साथ   आत्महत्या कर ली .

देश के १२ लाख करोड़ रूपये के बजट बनाने वाले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी कहते है कि महगाई रोकने की कोशिश होगी तो देश का विकास दर रूक जायेगा .यानी इस देश को अगर ९ फीसद १० फीसद का विकास दर चाहिए तो १०० -२०० लोगों की आत्महत्या से विचलित नहीं होनी चाहिए.विकास दर बनाये रखना जरूरी है क्योंकि यह मुल्क के लिए गौरव की बात है .इसी विकास दर के कारण पिछले १० साल में देश में १ लाख से ज्यादा अरब पति पैदा हुए है .दुनिया के अरबपतियो की सूची  में भारत का तीसरा स्थान है .ये अलग बात है युनायटेड नेशन ने गरीबी और भूख पर अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए भारत की हालत पाकिस्तान और बंगलादेश से भी जर्जर बताया है .काला धन पर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा के दौरान यह बताया गया  कि देश का ५००० अरब रुपया विदेशो के बैंक में जमा है .इसके साथ यह भी कहा गया कि काला धन का यह पैसा देश में वापस आ जाय तो प्रति व्यक्ति कि हिस्सेदारी इसमें २ लाख से ज्यादा होगी .यकायक लखपति बनने का ख्वाव पाले मेरे जैसे लोग भले ही इस काले  धन की वापसी का इंतजार करने लगे हो लेकिन जरा सोचिये लखपति मतदाता कभी पांच सो में अपना इमान बेचेगा ,कभी सिर्फ एक बोतल दारू में तो कभी एक साडी और धोती के लिए राजा जैसे लीडर को अपना कीमती वोट देगा ?
सिर्फ तमिलनाडु के चुनाव में अधिकारीयों ने ५० करोड़ रूपये जप्त किये है .बसों पर गाड़ियों में लदे नोटों की बोडिया और गाहे बगाहे उसकी धड पकड के खबरे यह बताने के लिए काफी है कि एक लाख ७५ हजार करोड़ रुपया का २ जी घोटाला ने तमिलनाडु के  चुनावी माहोल को कैसे गरमाया है .विशेज्ञ बताते है ३००० करोड़ रुपया से ज्यादा काला धन इस चुनाव में लुटाये गए है .जाहिर है देश की ९ फीसद की विकास दर इस पैसे को जल्द ही वसूल देगी  
अन्ना हजारे को जब कांग्रेसी लीडर ने चुनाव लड़ने के लिए ललकारा तो बड़े ही विनम्रता से उन्होंने कह दिया कि वे चुनाव जरूर हार जायेंगे .उन्होंने कहा था कि जिस देश में महज सौ पचास रूपये देकर वोट ख़रीदे जाते है वहां कोई नेक ,सचरित्र और इमानदार चुनाव कैसे जीत सकता है ?यही सवाल एक बार फिर लोकपाल बिल को लेकर छिड़ी बहस के बीच से उभरा है .पहली बैठक में अन्ना की टीम रक्षात्मक मुद्रा में है ,सरकार के दिग्गज वकीलों की फौज के सामने जनता के वकील मिमयाने लगे है .नेता कह रहे है ये जन लोकपाल वाले अगर सिविल सोसाइटी से है तो क्या इस देश की संसद चलाने वाले लोग अनसिवीलाइज्द है .?अगर लोकतंत्र बहुमत का नाम है तो जीत किसकी होगी यह भी तय है ..देश के रग रग में समाया भ्रष्टाचार की बीमारी क्या  अन्ना के  महज चार दिनों के उपवास से  ख़तम हो जायेगा यह एहसास धीरे धीरे लोगों को होने लगा है .हमारे बस के मालिक कम ड्राईवर सरदार जी अन्ना के अनसन को समर्थन देने रोज जंतर मंतर जाते थे .धरना पर उन्होंने मुझे बताया था कि यहाँ आकर उनका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है .धरना ख़तम होने के साथ ही पूरा देश जश्न मना रहा था लेकिन अगले ही दिन  सरदार जी को जनपथ चौक पर खड़ी  ट्राफिक पुलिस जन लोकपाल बिल का मतलब समझा रही थी .सरदार जी बटुए से पांच सौ रूपये देकर  बस में वापस आए .मैंने कहा एक दिन भी तो रूक जाते !  तुनकते हुए सरदार जी ने कहा था क्या उखाड़ लेंगे अन्ना इसका ?

टिप्पणियाँ

MUKESH ने कहा…
Kewal 45 rupya kharch hone par itna bada blog likh diya.....agar family ke liye fruit khareed liye hote to ?
Shambhu Thakur ने कहा…
अब रोना छोड़ दो



ए मन्नत मनाने वालों
अब रोना छोड़ दो,
चलो, तुम्हे देश बुलाया है
आज तेरी बारी आयी है
सपनों को सजाने की
भ्रष्टाचार मिटाने की.
ए मन्नत मनाने वालों
अब रोना छोड़ दो
अपने भाग्य को-
कोसना छोड़ दो
बहुत सह लिए
घुट-घुट कर
बहुत जी लिए
अब देश के लिए
मरने की बारी आयी है.
देखो, चलो, देश के-
ए नौजबनों!
एक मसीहा जागा है
सपनों के अलख जगाया है
सारा देश जगा है
अब, और न रोना
तुम्हे भी साथ चलना है
हमें भी साथ चलना है
गाते हुए हंसते हुए
हाथों में हाथ मिलाते हुए
तिरंगा लहराते हुए
सबको साथ चलना है.
ए मन्नत मनाने वालों
अब रोना छोड़ दो
अबकी बार हम छुट न पाएं
आजादी के उत्सव को
हम याद करें
वे रूठ न जाएँ
सारा देश जगा है
लगता है कोई बुरी नजर -
के, वर्षों का अभिशाप टला है
गाँधी की यादों में खोया
सारा देश जगा है.
ए मन्नत मनाने वालों
अब रोना छोड़ दो
ये दौड़ रहा है
देश की राहों में
अपनाकर सबको-
अपनी बाँहों में
ये दौड़ रहा है
इसका ना कोई अपना
न कोई पराया
यह तेरा मेरा
सब का
सब इसकी छाया,
यह मानव रूप लिए
स्वासों को वरदान मिला है
यह भारत भूमि है भाई
यहाँ युग युग में
नव नूतन सुमन खिला है.
ए मन्नत मनाने वालों
अब रोना छोड़ दो .

By : Shambhu Thakur
Mob:9811303024
बेनामी ने कहा…
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