प्रधानमंत्री जी ! ये" मन की बात" ओनली इनकमिंग है

 प्रिय प्रधानमंत्री जी 
सादर ,
सत्ता  और चर्चा के शीर्ष पर रहते हुए आपको लगभग साल से ज्यादा हो गया है। इस बीच हमने कई बार आपकी  "मन की बात " सुनी। अच्छा लगा हमारे प्रधानमंत्री अपने दिल की बात और संवाद सीधे आमजन से कर रहे हैं। रविबार के दिन फुर्सत में लोग आपके मन की बात सुन कर चर्चा भी कर लेते हैं ,कुछ इसे ज्ञानवर्धक तो कुछ लोग इसे टाइम पास मानते है। १. ५० अरब की आवादी वाले देश में कौन क्या मतलब निकालता है यह आपकी सरदर्दी नहीं है ,लेकिन  ऐसा जरूर लगता है कि आपके इस मन की बात में एकतरफा संवाद हो रहा है सिर्फ इनकमिंग लाइन चालू है आउटगोइंग बंद रखा गया है। माना कि आपके पास जनमानस को जोड़ने के लिए प्रोग्राम का भण्डार है लेकिन आमजन को मेमोरी कार्ड में सॉफ्टवेयर उतना तगड़ा नहीं है कि अनवरत डौनलोड़ होता रहे। 
प्रधानमंत्री जी लोग कहते है कि संवाद करने की आपके पास  अद्भुत कला है लेकिन ऐसा क्या  हो गया कि जिस अद्भुत कला का प्रदर्शन करते हुए आपने पहले देश के मीडिया पर अपना प्रभाव बनाया बाद में बिरोधियो की आवाज़ छीन ली। आज एक फर्जी इस्सू में आपके मंत्री मीडिया के सामने मिमिया रहे है और चुप हैं। आप कहते है कि आपकी सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं है लेकिन आपकी सरकार को कांग्रेस ,सपा ,बसपा ,जेडीयू  आरजेडी से नसीहतें मिल रही है। प्रधानमंत्री जी, जो राहुल ग़ांधी ने  दस साल में महज दो बार पर्ची पढ़कर पार्लियामेंट में अपने होने का एहसास कराया था। आज वे आपके खिलाफ दहाड़ रहे हैं। यह अलग बात है कि संसद सत्र में वे प्राइवेट काम में ज्यादा बीजी रहते है ,बरना आपकी सरकार को बजाने  में कोई कसर नहीं छोड़ते ,भला हो सुषमा जी और बसुन्धरा जी का राहुल और सोनिया जी किसी निजी काम से विदेश में है बरना ये मीडिया वाले आपकी मन की बात भी नहीं 
 सुनने देते। 
आमजन से संवाद बनाने में आपकी कोई सानी नहीं है ,लेकिन लैंड बिल जैसे मुद्दे, जिसका सरोकार आमजन से है ,अबतक आपसे सहमत नहीं है। देश मानता है कि आपके सामने कोई रोबर्ट बाड्रा नहीं है जिसके लिए आप किसानो से जमीन छीनना चाहते है.  फिर संवादहीनता की स्थिति क्यों है? ललित मोदी एपिसोड कांग्रेस सरकार  के क्रिकेट लाबी का षड्यंत्र है ,इस षड़यंत्र का पर्दाफास क्यों नहीं हो रहा है। सत्ता और क्रिकेट के अवैध रिश्ते को क्यों नहीं खत्म किया जा रहा है ? देश के लाखों करोडो रूपये लूटने वाले लोग अगर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आपकी सरकार को नसीहत दे रहे हैं तो आमजन यह मान बैठा है कि विपक्ष पर आपका आरोप झूठा था। आसमान छूती महगाई,बेरोजगारी ,सुखा -बाढ़ हर कुदरती मुश्किलो को आमजन बर्दास्त कर लेगा ,अगर उसे लगे कि हुकूमत में कुछ हलचल है। यु पी ए सरकार की उस पुरानी  व्यवस्था और संस्कृति को लेकर  आमजन में यह विश्वास पैदा नहीं किया जा सकता कि बदलाव हो रहा है। आम जान की समस्या जस की तस है विपक्ष आपकी सरकार को चिढ़ा रहा है उसे इस बात का एहसास है कि मोदी जी चमत्कार करने पर आमदा है वो अदालतों के चक्कर में नहीं पड़ेंगे। प्रधानमंत्री जी आमजन नहीं चाहते कि अरविन्द केजरीवाल की तरह आप भी हमेशा शोर करते हुए दिखे ,एक पुलिस वाले के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाये , आमजन १५००० ० रूपये  ब्लैक  मनी में अपने हिस्से को भी जुमला मान लेगा ,लेकिन आपकी मन की बात उसे तब सच्चा लगेगा जब उसे परिवर्तन होते हुए दिखेगा। 
भवदीय 

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