अच्छे दिन ! आने वाले हैं .... कब, यह किसी ने नहीं पूछा
अच्छे दिन ! आने वाले हैं .... कब, यह किसी ने नहीं पूछा। भलेमानुष एक दिन बदलने में 24 घंटे लगते हैं ,हालात बदलने में कुछ तो वक्त चाहिए। मेरे जैसा एक साधारण व्यक्ति अच्छे दिन के लिए जीवन भर संघर्ष करता है फिर राहुल गाँधी ,लालू यादव ,अखिलेश ,मायावती जैसे नेता किस अच्छे दिन का उपहास कर रहे हैं। क्या जिन प्रयासों से इन लीडरों ने अपने लिए अच्छे दिन बनाये है. यह क्या आम आदमी के लिए संभव है ? यानी ईमानदारी की कमाई और व्यवस्था से अच्छे दिन लाने में कुछ तो वक्त लगेगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अच्छे दिन का मतलब क्या है ? किसी के लिए अच्छे दिन का मतलब एक छोटे काम के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर न लगाना पड़े ,किसी के लिए उसके बच्चो की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त हो जाए ,किसी के लिए उन्हें रोजगार मिल जाये ,किसानों को खेत में पानी और खाद मिल जाए ,किसी बुजुर्ग को वक्त पर पेंशन मिल जाय ,स्कूल कालेज जाने वाली बेटिया निर्भीक घूम सके ,स्वास्थ्य और सड़क यातायात आसान हो सके कचहरी /अदालत से जल्दी न्याय मिल जाय ,हर तरफ कानून का राज हो .. अच्छे दिन की ये छोटी सूची है लेकिन यकीन मानिये इस सूची का सरोकार शायद ही मोदी सरकार से है।
ये राज्य सरकार की व्यवस्था से होनी है लेकिन अच्छे दिन के लिए लालू जी /अखिलेश जी मोदी को पानी पीकर गरिया रहे हैं जबकि राज्यों में उनकी सरकार है। लेकिन इन ढाई वर्षों में पी एम मोदी ने अपना कीमती वक्त राज्यों के चुनाव में ही लगाए हैं ,हर चुनाव उनकी सरकार के लिए जनमत बन जाता है,.. जनता से लगातार और सीधा संवाद पी एम मोदी को कुशल प्रशासक और जननेता के तौर पर मजबूती देता है लेकिन जिस व्यवस्था परिवर्तन की बात मोदी ने की थी उसका एहसास आमलोग अबतक महसूस नहीं कर रहे है ,नोटबंदी को सफल बनाने में आम जनता ने जितना बड़ा त्याग/संघर्ष किया है शायद उनके अफसर /मंत्री ने न किया हो। यह बजट उनके अच्छे दिन का सबसे बड़ा इम्तिहान है ,अब तक लोगों ने उन्हें दिया है अब चुकता सरकार को करना है। यह मनरेगा जैसे पॉपुलर घोषणा से नहीं होगा ,यह नोटबंदी जैसे ठोस फैसले से होगा। नोटबंदी ने पहलीबार लोगों के नैतिक चरित्र को सार्वजानिक किया है। .. सोच बदलेगा तो देश बदलेगा ,यह सोच पहले सरकार और सिस्टम को बदलनी चाहिए .....लोगों ने अपनी सोच का एहसास करा दिया है वह 60 साल से हर जरूरत की चीजो के लिए लाइन में ही खड़ा है ,कुछ दिन और खड़ा हो लेगा। .
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