आदरणीय  नीतीश कुमार जी ,
प्रख्यात अर्थशास्त्री श्री जगदीश भगवती ने कहा था कि उच्च विकास दर गरीबो के लिए भी फायदेमंद हो सकता है और गरीब जनता इसका इनाम भी देती  है .बिहार मे आपको  पिछले 15 वर्षो से  मिला समर्थन इस बात को पुष्टि करता है कि जातीय फॉर्मूले के ध्वस्त करके बिहार के लोगों ने आपके सुशासन पर भरोसा कायम रखा है । लेकिन १४-१८ घंटे की बिजली ,चमचमाती सड़कों के बीच ग्रामीण अंचलो में बढ़ती बेरोजगारों की फ़ौज ,कृषि क्षेत्रो में बढ़ रहे पलायन ,ऊपर से नीचे तक फैले भ्रष्टाचार और लगातार बंद पड़े उद्योग आपके सुशासन की कलई खोल रहा है। अपने हलिया बिहार दर्शन में  मैं इस सचाई से अवगत हुआ किआपके सुशासन की धार कुंद पड़ती जा रही है और जनता दलालों के संगठित गिरोह के सामने बेवस है और आप नशाबंदी ,बाल विवाह और दहेज़ जैसी सस्ती लोकप्रियता लेने को आतुर हैं। ये पिटे हुए मुद्दे हैं ,ये आपको जननायक नहीं बनाएंगे। 

.जिस बिहार मे बाढ़ के नाम पर हर साल २००-२५० करोड़ रूपये का घोटाला आम बात है  ,कभी चारा घोटाला ,सृजन घोटाला ,कभी साडी घोटाला तो कभी अलकतरा घोटाला ,घोटालों की लम्बी फेहरिस्त  ने आज चारा घोटाला को इतिहास मे धकेल दिया है। उसी बिहार मे आपने  महज 300  करोड़ रुपया खर्च करके 17  लाख लड़कियों मे सायकिल बाँट कर नयी पीढ़ी को सपना देखने का मौका दे दिया है। शिक्षा के स्तर की बहस में न पड़े तो राज्य की आधी आवादी आर्थिक गतिविधि में सक्रिय सहयोग के लिए तैयार है। लेकिन पलायन के अलावे पढ़े लिखे नौजवानो के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अर्धकुशल और कुसल सस्ते मजदूरों की उपलब्धता बिहार को नई औद्योगिक क्रांति के लिए प्रेरित कर सकती  है और आपकी सरकार जमीन का रोना रो रही है लेकिन बिहार के  21 इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी भाई भतीजावाद की भेट चढ़ी हुई है। 
बिहार सब्जी उत्पादन में अग्रणी है और फल उत्पादन में दूसरा प्रमुख राज्य है लेकिन 20 घंटे की बिजली और चमचमाती सड़के इसे बाजार उपलब्ध नहीं करा पा रही है । 
कृषि क्षेत्र में बिहार में 80 फीसद से ज्यादा लोग लगे हुए हैं लेकिन सिंचित कृषि भूमि के मामले में बिहार का स्थान काफी नीचे है। यानी सरकार की प्रियोरिटी में कृषि कही शामिल नहीं है। 
बिहार में 7. 5 करोड़ मोबाइल धारक , आईटी सेक्टर में लगी कंपनियों के लिए माकूल प्रदेश है। जाहिर है खेती बाड़ी के बाद सर्विस सेक्टर ने रोजगार का एक अस्थायी पलेटफोर्म उपलब्ध कराया है जिसमे 50 लाख से ज्यादा लोग रोजगार पा रहे  हैं । लगभग 4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करके बिहार ने ऊर्जा के क्षेत्र में संभावना बढ़ाई है लेकिन रोजगार के हिस्से में कुछ नहीं आया है। 
बिहार में छपने वाले पत्र पत्रिकाओं की तादाद देश के दूसरे राज्यों से कही ज्यादा है लेकिन विकास की खबरों की कही चर्चा नहीं है। 
 
 बिहार में आपके  दौर मे एक भरोसा जगा था कि विकास की नयी सोच बनी है लेकिन इस दौर में यह संकल्प डीरेल हो गया  है। विश्वास यात्रा के रथ पर सवार हो कर आपने सम्पूर्ण  बिहार का कई बार दौरा किया है . लेकिन आम लोगों के चश्मे से बिहार को देखने के बजाय आपने बाबूओ के नोट्स को  ही ज्यादा तरजीह दी है। 
पिछले वर्षो में   तरक्की के मामले मे अगर बिहार को तीन प्रमुख राज्यों की सूचि में रखा जाता रहा है तो यह आपकी सरकार की उपलब्धि नहीं है । लगभग 11  फीसद का विकास दर गुजरात का मुँह चिढ़ाता है ,लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि बिहार में वर्षो से कोई बड़ा निवेश नहीं आया है ,आज उद्योगपति बिहार में अपने आपको असहज महसूस करते हैं। यानी यह  प्रगति औद्योगिक  क्रांति की नही है ,न ही चुस्त कानून व्यवस्था की है। यह प्रगति सिर्फ बिहारी कामगारों की बदौलत सम्भव हो सकी है । आज भी बिहार के हजारो गाँव मनीआर्डर इकोनोमी के बूते कामयावी की अलग तस्वीर पेश कर रहे है । वही गाँव जो कल तक कभी बाढ़ तो कभी सुखा के कारण जर्जर हालत मे थे वहां लोगों के चेहरे खिले हुए हैं । आज इन्ही गाँव के बच्चे सुपर 30  और सुपर 60  से कोचिंग लेकर आई आई टी मे अब्बल दर्जा पा रहे हैं  । इन्ही गाँव के हजारो बच्चे दिल्ली ,उत्तर प्रदेश , दक्षिण के राज्यों मे माता पिता की मोटी रकम खर्च करके ऊँची शिक्षा हासिल  कर रहे हैं  ।  अनपढ़ और कम पढ़े माता पिता को भी पता है कि पुरी दुनिया आज ग्लोबल विलेज का हिस्सा है जहा सिर्फ़ ज्ञान का चमत्कार  है ।

बिहार की चिंता बिहार से बाहर रहने वाले लोग ज्यादा कर रहे हैं  । बिहारी कहलाने का अपमान पी कर भी निरंतर बिहार की सम्पन्नता में  अपनी भूमिका बढ़ा रहे है। लालू यादव की सियासत तेजस्वी -तेजप्रताप पर आके ढहर गयी है लेकिन जिन लोगों ने आपको कभी नेशनल एसेट माना था उन्हें आपके बिहार से निराशा हो रही है। सियासत में चमत्कार की गुंजाइस हमेशा नहीं होती है लेकिन लोगों का भरोसा बरक़रार रखना मुश्किल भरा काम नहीं है। सुशासन बाबू आपका नाम  उपहास से न जोड़ा जाय इसके लिए  चमत्कार नहीं सिर्फ संकल्प जरुरी है।

एक शुभचिंतक 

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