विपक्षी पार्टियों के मुद्दे किसने चुराया : क्या चौकीदार ही चोर है या विपक्षी निकम्मी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के सबसे महँगा वकील कपिल सिब्बल जब इतनी सस्ती बात करते हैं कि मोदी के रहते देश में सभ्य और सम्मान देने वाले राजनितिक वातावरण मुश्किल है। जबकि दूसरे कांग्रेसी नेता पी एम को नीच से संबोधित करते हैं । एक प्रवक्ता मोदी का मतलब मसूद अज़हर ,ओसामा और दाऊद बताते है,खुद जब पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ,पी एम को चोर बताते हैं। तो यकीन मानिए यह शुरुआत सोनिया गाँधी ने की थी। एक एलिट फैमिली और पार्टी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गाँधी ने ही नरेंद्र मोदी को मौत के सौदागर कहकर अपने सलहकारों और शगिर्दों को उन्हें अपमानित भाषा प्रयोग के लिए उकसाया था । आधी शताब्दी से ज्यादा देश पर राज करने वाली पार्टी का एक गरीब परिवार में जन्मे मोदी के प्रति यह फ्यूडल सोच को दर्शाता है ? या फिर मोदी जैसे नेता ने देश में कांग्रेस यानी सत्ता पर काविज रहने वाली व्यवस्था के खिलाफ क्रांति लाकर उन्हें जमीनी हकीकत से पहलीबार परिचय कराया था। पहलीबार कांग्रेस 44 सीट पर सिमट गयी थी।
पहलीबार बी पी सिंह ने गाँधी परिवार पर सीधे भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया था। सोनिया जी के रिश्तेदार क्वात्रोची और उनकी पत्नी के एकाउंट डिटेल देकर हिन्दू की संवाददाता चित्रा सुब्रह्मनियम ने बोफोर्स डील की सच्ची तस्वीर दुंनिया के सामने लायी थी। आज राहुल गाँधी रफाल डील को बोफोर्स डील बनाने की कबायद में प्रधानमंत्री मोदी को चोर कह रहे हैं और उनपर आरोप लगा रहे हैं कि 45000 करोड़ रुपया पी एम् मोदी ने अनिल अम्बानी को दे दी। लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि कूल 60000 करोड़ रूपये के रफाल डील में 30000 या 450000 करोड़ अनिल अम्बानी को क्यों डील में मिला और कैसे मिला ? जबकि यह डील दो सरकारों की बीच थी। इसमें कोई बिचौलिया नहीं था। फिर भी मोदी चोर है ,सुप्रीम कोर्ट से लेकर सी ए जी तक हर ने कहा चौकीदार प्योर है ,लेकिन राहुल जी चौकीदार चोर कहकर मजमा लगा रहे हैं अपने परिवार के ऊपर बोफोर्स के लगे कलंक को यह बताकर धोना चाहते हैं कि हमाम में सब नंगे हैं।
मैं भी अब चौकीदार दुनिया का सबसे बड़ा ट्रेंडिंग साबित हुआ है। पी एम मोदी ने पिछले दिनों मौके की नजाकत देखकर चौकीदार को अपना ब्रैंड बनाया हैं। 2014 में उन्होंने चायवाला को ब्रांड बनाकार आम आदमी के दिलों में उतरने की कोशिश की थी। कांग्रेस लीडर मणि शंकर अय्यर 2014 में उस चायवाले को कांग्रेस दफ्तर के सामने रेडी लगाने की परमिसन दे रहे थे लेकिन देश की जनता ने मोदी को अपार बहुमत देकर पी एम बना दिया। देश में मौजूदा दौर में 7 लाख से ज्यादा चौकीदार कार्यरत हैं। अगर इस सेवा में तमाम सिक्योरिटी गार्ड को जोड़े तो ये तादाद 5 करोड़ से ज्यादा होगी। अगर राहुल गाँधी चौकीदार चोर है का नारा लगवाते हैं तो यकीन मानिये इस प्रोफेशन के करोडो लोग आहत होते हैं। अगर नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक भी सबूत दिए उन्हें आप चोर कह रहे हैं तो यह एक सामंती सोच दर्शाती है जो किसी को कभी भी अपराधी ,नालायक बता सकता है। अगर पब्लिक मंच से राहुल जी कहते हैं हर मोदी ही चोर क्यों होता है तो यकीन मानिये वे इसी संस्कार में पले बढे हैं जिनके लिए आम आदमी के लिए कोई रेस्पेक्ट नहीं है। जबकि पढ़े लिखे नौजवानों में आज आम आदमी और रियल हीरो के लिए आज खासा आदर है।
देश बदल रहा है इसकी तस्वीर पदमा अवार्ड समारोह में दिखा... बिना चप्पल पहने या स्लीपर पहने कई लोग पिछले दिनों राष्ट्रपति भवन पहलीबार पहुंचे थे । अब ऐसे आम आदमी , अनसंग हीरो भी पद्म श्री और पदम् विभूषण सम्मान पा रहे हैं जो कभी न तो पेज थ्री में छपते थे और न ही दिल्ली दरबार में दिखे । 8000 पेड़ों की माँ कर्नाटक की 92 वर्षीय थिम्माका जब पद्मश्री अवार्ड ले रही थी तो सर झुकाये राष्ट्रपति को आशीर्वाद भी दे गयी। राष्ट्रपति कोविंद खुद इस आशीर्वाद से विभोर थे। राष्ट्रपति भवन के ,प्रोटोकॉल वाले अफसर परेशान थे लेकिन तालियों के गरगराहट हाल में थमी नहीं थी। पर्यावरण की रक्षा के लिए दुनिया में आज इनसे बड़ा कोई चौकीदार नहीं हैं। यह देश का मिज़ाज है ,यह श्रेष्ठ भारत एक भारत के गौरव को दर्शाता है। यहाँ सतही बातें अब लोगों को अपील नहीं करती । क्योंकि वर्षों बाद किसी ने देश का स्वाभिमान जगाया है इसलिए हर कोई कह रहा है #मैं भी चौकीदार
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