सियासत से नहीं  मानवता की सेवा से हारेगा कोरोना 



कुछ लोगों ने बाजार में दवा की भी किल्लत शुरू करवा दी है। ताकि लोगों से ज्यादा कीमत वसूला जा सके। यह कोरोना वायरस अभी कहीं नहीं जा रहा । एक दो साल ऐसे ही वेब बनकर कहीं न कही छा जाएंगे। ऐसा वैज्ञानिकों का दावा है।आज आप वेब की चपेट में नही है और किसी दूसरे की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। ऐसी मजबूरी कल और किसी के साथ भी हो सकती है।इसलिए अभी कालाबाजारी और भ्रष्टाचार छोड़कर लोगों की मदद कीजिए। यही मदद कभी आपकी इम्यूनिटी बनेगी और कोरोना से बचाएगी।

बहुत लोग इस कोरोना महामारी के चपेट से बाहर निकल चुके हैं। लेकिन बहुत लोग आज भी संघर्ष कर रहे हैं।अपनी बची हुई दवा और ऑक्सीमीटर, इंस्ट्रूमेंट्स को निर्थक न फेंके। किसी जरूरत मंद को अगर ट्रांसफर करते हैं तो एक प्रयास में दो जान बचाने का पुण्य आपको प्राप्त होगा।
कोरोना के इस जंग को सिर्फ सरकार भरोसे नहीं लड़ा जा सकता बल्कि इस खतरनाक महामारी को सामाजिक भागीदारी से पक्का हराया जा सकता है।


मुंबई नगरपालिका के कमिश्नर इक़बाल सिंह कहते हैं कि अक्सर लोग मुझे यह पूछकर हंसते थे कि सिर्फ महाराष्ट्र में ही ,मुंबई में ही इतना कोरोना क्यों है ? वे बताते हैं कि इस सवाल से उन्हें अंदाजा लग जाता था कि ये अधिकारी कुछ सीखने को तैयार नहीं हैं । फिर भी वे बताते थे कि वे निरंतर मुंबई में लोगों की जांच करते हैं और उसी हिसाब से अपने संसाधन बढ़ाते हैं। इक़बाल सिंह कहते हैं अगर राज्य सरकारें जांच जारी रखी होती और अपना डिमांड केंद्र के सामने समय से रखती तो ऑक्सीजन से मरने वाले लोगो की तादाद आज काफी कम की जा सकती थी।
वे कहते है कि भारत सरकार से उन्होंने जब भी कोई मदद मांगी,ऑक्सीजन सप्लाई चेन की मदद मांगी। मुंबई को तुरंत मिली और हम लोगों की अधिक से अधिक जान बचाने में कामयाब हुए @IndianExpress
शायद इसी भावना से इस जंग को लड़ना होगा। आपदा के तूफान को मिलकर लड़ने का जज्बा उड़ीसा ने 2013 में दिखाया थाऔर आपदा में पहलीबर कम से कम जाने गई थी। आज ऐसी सामाजिक सरोकार वाली मदद की जरूरत लगभग हर गांव और मोहल्ले को है।अभी कुछ बड़ा करने का जज्बा हम सब अपने अपने इलाके में दिखा सकते हैं। हां, यह बात भी बताने लायक है कि देसी उपचार भी फ्लू वाली बीमारी में कारगर साबित होती है। कमसेकम यह उपचार आपका इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग बना के जरूर रखता है।

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