विक्टिम कार्ड से देश को तोड़ने की एक और साजिश  

प्रिय राहुल गाँधी जी ,

आपकी मोहब्बत की दुकान में मुस्लिम विक्टिमहुड की  पकवानों ने देश के  एक समुदाय को दुनिया भर में पीड़ित दिखाने और दूसरे समुदाय को निर्मम हत्यारा साबित करने की पूरी साजिश की है। आपकी अमेरिका यात्रा में मीटिंग्स प्रायोजित करने वाली संस्था इंडियन अमेरिकन मुस्लिम कौंसिल ने पीएम मोदी के स्टेट विजिट के दौरान भारत में मुस्लिम  के खिलाफ अत्याचारों को जमकर प्रचारित किया था। यहाँ तक कि  पूर्व राष्ट्रपति ओबामा भी  उपदेशक की भूमिका में आ गए थे। बराक ओबामा की मोहब्बत की दुकान आपने देखा  है जिसमे उनके ड्रोन हमले में सैकड़ो बेकसूर मुसलमान मारे गए थे लेकिन वे भारत को साहिष्ष्णुता की पाठ पढ़ा रहे थे। क्योंकि उनके पास आपके नैरेटिव के कुछ पुड़िया पड़ी हुई थी। लेकिन आपने एक खबर जरूर पढ़ी होगी कि कश्मीर में दो मासूमों  नीलोफर और आयशा जान को रेप पीड़िता बताने वाले दो डॉक्टर्स को कश्मीर प्रशासन ने  पिछले दिनों सेवा से वर्खास्त कर दिया है। 

अब आप यह मत कहियेगा की बात 2009 की है। लेकिन याद दिलाना जरुरी है कि तब केंद्र में  आपकी सरकार थी और कश्मीर में उमर अब्दुल्ला आपके समर्थन से मुख्यमंत्री थे।   शोपियां के दो मासूमों  नीलोफर और आयशा की रेप और हत्या की खबर ने कश्मीर को 47 दिनों तक  बंद रखा था। सैकड़ो सरकारी इमारते जला दी गयी थी ,पथरबाजी में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। वजह आपके मोहब्बत के दुकान के तर्ज पर पाकिस्तान ने एक  समुदाय में खुद को पीड़ित बताकर दुनिया को गुमराह करने का नुस्खा भर दिया था। याद होगा जिन्ना ने भी विक्टिम कार्ड खेलकर भारत का  विभाजन करा दिया था

आपको याद होगा की शोपियां की दोनों भाभी और ननद की मौत डूबने से हुई थी लेकिन पाकिस्तान के साइकोलॉजिकल वारफेयर के सामने आपकी मनमोहन सरकार ने घुटने टेक दिया था और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के एजेंट के दवाब में आपने मान लिया था कि यह दुष्कर्म फौज के जवानों ने किया होगा। सरकार घुटने टेक कर खड़ी थी और कश्मीर में पदस्थापित अफसर ,जवान ससपेंड हो रहे थे। नजीर मसूदी जैसे रिपोर्टर ने नदी में घुसकर यह तथ्य सामने लाया था कि दोनों मासूम की मौत डूबने से हुई  तो लोगों ने उसे सोशल बायकाट कर दिया था। ओमर अब्दुल्ला की सरकार मान चुकी थी कि रामबैरा नाला में डूबने से मौत नहीं हो सकती है। पत्रकार अहमद अली फ़ैयाज़  जब जुडिशियल कमीशन के साथ उस नाला पर गए थे तो स्थानीय लोगों ने बताया था कि इस नाले में 13 से ज्यादा लोगों की मौत डूबने से हो चुकी  थी। लेकिन न्यू यार्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह दुनिया को बताया गया था कि नाले में घुटने भर पानी है जिसमे डूबना नामुमकिन है। खुद दिल्ली के पत्रकारों ने दोनों मासूम के वेजाइनल स्वाब में मिसमैच की खबर छापकर सनसनी पैदा की थी और सीबीआई जाँच के लिए प्रेरित किया था।

 दिल्ली एम्स के डॉक्टर की टीम ने साबित किया था कि दोनों के साथ रेप की पुष्टि नहीं होती है। लेकिन दिल्ली से लेकर एक तबका रेप और हत्या से कम मानने को तैयार नहीं था। बाद में सीबीआई ने कुछ लोगों के खिलाफ षड्यंत्र करने और झूठी खबर प्लांट करने की केस फाइल की थी जिसमें स्थानीय 6  सरकारी डॉक्टर्स भी शामिल थे। कश्मीर के इस विक्टिम कार्ड को समझने की जरूरत है। सैकड़ो पंडित समुदाय के लोग जिहाद के नाम पर मारे गए ,लाखों बेघर हुए लेकिन ह्यूमन राइट्स की चिंता सिर्फ मुस्लिम  समुदाय की ही होती है । 

आर्टिकल 370 हटने के बाद जब पहली बार राहुल गांधी जी आप कश्मीर आये थे तो आपने इस रहस्य से पर्दा उठाया था कि उनका परिवार कश्मीरी पंडित समुदाय से आता है! आपने ने कहा कि "जब भी मैं कश्मीर आता हूं, मुझे लगता है कि मैं घर आ गया हूं"। वैसे सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा लिखने वाले अल्लमा इक़बाल का भी सरोकार कश्मीर के पंडित खानदान से ही माना जाता है।डीएनए में न उलझें तो बेहतर है,लेकिन धारा 370 हटने के बाद राहुल जी आप को कश्मीर अपना घर जैसा लगने लगा है।

राहुल जी पाकिस्तान ने मुस्लिम विक्टिम हुड को मुस्लिम फोबिया का नाम देकर संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव तक पास करा लिया लेकिन आपकी मोहब्बत वाली दुकान से पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय के मासूम लड़कियों के साथ  उत्पीड़न ,जबरन निकाह के खिलाफ एक बार भी आवाज़ नहीं उठी। न तो आपके नाना और न ही आप लोगों ने पाकिस्तान के चार करोड़ हिन्दू ,सिख की सुध ली जो अब घटकर 12 लाख के बीच पहुंच गए हैं।  लेकिन मोदी सरकार ने उन पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता कानून में संसोधन CAA की बात की तो आपकी मोहब्बत वाली दूकान से तोपें चलने लगी । इस देश में धर्म ,भाषा ,संस्कृति को लेकर कभी किसी के साथ भेद भाव नहीं हुआ है। पीएम मोदी अगर यह कहते हैं कि भारत लोकतंत्र की जननी है तो आप मानने के लिए तैयार नहीं होंगे क्योंकि आपके नाना पंडित नेहरू ने अपनी डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया में यह नहीं लिखा है। 

लेकिन राहुल जी जॉन मूरे का नाम तो आपने सुना होगा।अमेरका के रिलीजियस फ्रीडम कमीशन के कमिश्नर रहे हैं। उनका मानना है कि दुनिया के इतिहास में भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने सैकड़ो वर्षो से अनेक धर्मों ,अनेकों भाषा ,अनेको विचार पद्धति को अपने में समवेश कर अपने को लोकतंत्र के रूप में मजबूत किया है। नरेंद्र मोदी से अमेरिका में मिलकर मैं अभिभूत हूँ। आप उनसे शायद नहीं मिले होंगे क्योंकि आपकी मोहब्बत की दुकान के सबसे बड़े क्लाइंट इंडियन अमेरिकन मुस्लिम कौंसिल है और उसका प्रोपगंडा आपको सूट करता है। 

अपने पिता जी राजीव जी  का ऐतिहासिक फैसला आपको याद होगा जिसमे उन्होंने संसद में कानून बनाकर एक बुजुर्ग महिला शाहबानों को अनपढ़ मौलानाओ के सामने रहम की भीख मांगने को मजबूर कर दिया था और मुस्लिम बहनो को पचास साल पीछे छोड़ दिया था। मोहब्बत की दुकान में अगर वोट बैंक साधे जाते हैं तो आपकी दूकान चलेगी लेकिन पीएम मोदी की आप तारीफ देखिये, बिना वोट की चिंता किये ट्रिपल तलाक ख़त्म करा दिया।सबके लिए एक कानून का मसौदा तैयार हो रहा है। मकसद है मुस्लिम तबका आदतन खुद को पीड़ित दिखाना बंद करे और देश की मुख्यधारा में शामिल हों। 
  
राहुल जी यह देश अभी करेक्शन करने के मूड में है। यह भूल सुधार मोदी ही कर सकते हैं । देश हित में अभी इंतज़ार कीजिये। कश्मीर जाकर जब आप गर्व से अपना घर बताते हैं फिर यहाँ के 145 करोड़ जनता को अपने देश पर गर्व करने दीजिये। मोहब्बत की दूकान से नफरती सोच वाले को दरकिनार करके अभी लालू प्रसाद यादव की सलाह मानकर कश्मीर में हनीमून मनाइये। देश आपका है उसे फ्रेस होने दीजिये !

सादर 

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