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पाकिस्तानी फौज का जिहाद और खामोश भारत सरकार

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कहते है कि पानी रे पानी तेरा रंग कैसा ,लेकिन यह पानी अगर सियासत के रंग में रंग जाय  तो क्या कहने . आतंकवाद के मामले को लेकर पानी पानी हुआ पाकिस्तान एक बार फिर पानी को लेकर अपने जेहादिओं को आगे किया है .पिछले दिनों लश्करे तोइबा के सरगना हाफिज़ मुहमद सईद ने पानी को लेकर भारत के खिलाफ जेहाद करने की बात की है .हाफिज़ मोहमद सईद का यह बयान पाकिस्तान के फोजी जनरल अशफाक कियानी के बयान के ठीक एक दिन बाद आया जिसमे उन्होंने भारत पाकिस्तान के बीच पानी को एक बड़ा मसला माना था . यानी पाकिस्तानी फौज के लिए अब कश्मीर का मामला अब अपना असर खो रहा है .पाकिस्तान के लोगों मे कश्मीर को लेकर अब उतनी दिलचस्पी नहीं है ,सो पाकिस्तानी फौज क्या बेचे तो उन्होंने पानी का मसला उठाकर लोगों के दुखते नब्ज पर हाथ रख दिया है . इन्डस वाटर ट्रिटी के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय आयोग मौजूद है जो दोनों देशो के बीच पानी के बटवारे पर अपना फैसला देता है .लेकिन पाकिस्तन वाटर कामिसन को नजरंदाज करके लश्करे तोइबा को आगे किया है .यानि पानी के मामले मे अब पाकिस्तान की हुकूमत बात नहीं करेगी बल्कि यह लड़ाई प...

मिथिलाक सौराठ सभा: कहाँ गेला घटक ?

मिथिलाक सौराठ सभा: कहाँ गेला घटक ?

महिला आरक्षण बिल से क्यों खौफजदा है लालू और मुलायम

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लालू जी का माने तो वो लोकसभा मे महज ४ सांसदों के नेता नहीं है बल्कि महिला बिल से आतंकित लगभग तमाम सांसदों का नेतृत्वा करते है . लालू जी कहते है ' सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद उन्हें आकर बताते है कि लालू जी कुछ करो हमलोगों ने तो अपनी सियासी मौत की पर्ची पर खुद दस्तखत की है' . बेचारे सांसद अपने नेता के खिलाफ कुछ बोल नहीं सकते .कांग्रेस मे आलाकमान का फैसला अंतिम है ,सो सोनिया जी ने अगर बिल के लिए मन बना लिया है फिर कांग्रेस मे उसे विरोध करने की जुर्रत किसको है . आखिर ये बिल राजीव गाँधी का सपना था .महिला सशक्तिकरण के नाम पर कांग्रेस पिछले १४ वर्षों से अपने चुनावी मेनिफेस्टो मे महिला आरक्षण को प्रमुख मुद्दे को तौर पर रखा है . महिलाओं के साथ अब और धोखा  नहीं हो सकता सो सोनिया जीको  अपना वचन निभाना है .बीजेपी की मजबूरी है अगर उसने कांग्रेस का साथ नहीं दिया तो महिला आरक्षण का श्रेय सिर्फ सोनिया गाँधी को मिलेगा .इसलिए महिला  आरक्षण पर बोलते हुए बीजेपी नेता अरुण जेटली ने वही खुबिया गिनाई जो कांग्रेसी नेता गिना रहे थे . ये अलग बात है कि कांग्रेसी नेता इसका श्रेय सोनिया गाँधी को देन...

कौन चाहता है कश्मीर मसले का हल ?

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कौन चाहता है कश्मीर मसले का हल ? ये सवाल सुनने मे भले ही हल्का लगे ,लेकिन इसका जवाब उतना ही जटिल है . १९४८ से लेकर आजतक कश्मीर मसले को लेकर भारत पाकिस्तान के बीच सैकड़ो मर्तबा बातचीत हो चुकी है लेकिन मामला जस का तस है . सबसे अहम् बात यह है कि इस मसले मे ६० साल पहले भी कश्मीर के लोगों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी ,और आज भी उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है .फिर भी कश्मीर को एक बड़ा मसला बताया जा रहा है .  जाहिर है आखिर वे कौन लोग है जो इसे मसला मान रहे है . बात साफ़ है जिनका इस मसले से निजी या सियासी फ़ायदा है उन्होंने  हर दौर मे इस मसले को जिदा रखने की कोशिश कि है और वे काफी हद तक कामयाब हुए है . कश्मीर के सबसे बड़े अलगाववादी नेता सैद अली शाह गिलानी से मैंने यही सवाल पूछा था ,उनका जवाब था क्या कश्मीर की हालत ७० के दशक मे ऐसी थी . गिलानी साहब खुद दो बार अस्सेम्ब्ली का चुनाव जीत कर आवाम की नुमैन्दगी कि है . कश्मीर के सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सरबरा सैद शलाहुद्दीन ने खुद अस्सेम्ब्ली चुनाव मे अपना सिक्का आजमाया था . शलाहुद्दीन को जितने नहीं दिया गया तो वह पाकि...

ममता ,माओवादी और सरकार

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.बिहार ,बंगाल ,छत्तीसगढ़ ,झारखण्ड और उड़ीसा मे नक्सालियों का कहर जारी है .कही इनके निशाने पर ग्रामीण है तो कही नक्सालियों को शिकस्त देने गए सुरक्षाबल मारे जा रहे है . सरकार के साथ आँख मिचौली  के खेल मे नक्सली अपनी रणनीति से सरकारों को थका रही है और हर हादसे के बाद एक दुसरे पर तोहमत लगा कर राजनितिक पार्टियाँ एक दुसरे को बौना साबित करने में जूट जाती है . पश्चिम बंगाल मे नक्सालियों का हमला होता है तो ममता दीदी नक्सालियों से तुरंत बात करने की सलाह देती है .केंद्र सरकार को ढेर नशिहत देकर बंगाल की सियासत मे दखल न देने के लिए धमका भी जाती है .वही यह हमला बिहार मे हो तो केंद्र सरकार राज्य पुलिस व्यवस्था को लचर बताती है .यही हमला छत्तीसगढ़ मे हो तो बीजेपी सरकार की अकर्मण्यता सामने आती है . झारखण्ड की सरकार ने तो अपना रबैया पहले ही साफ़ कर चुकी है कि नक्सालियों के खिलाफ जोर दार अभियान उन्हें कतई मंजूर नहीं है .यानि हर सरकार के सामने नक्सली वो तुरुप के पत्ते है जिसका  इस्तेमाल अलग अलग राज्यों की सरकार अपने सियासी फैदे और नुक्सान को देखकर कर रही है .और केंद्र सरकार विपक्षी सरकार को नकारा स...

vinod mishra ka blog: पुलवामा के वाहिद के पास है कश्मीर मसले का हल

vinod mishra ka blog: पुलवामा के वाहिद के पास है कश्मीर मसले का हल

पुलवामा के वाहिद के पास है कश्मीर मसले का हल

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मुंबई हमले की तर्ज पर फिर पुणे मे एक जोर दार धमाका हुआ . दस लोगों की जान गयी दर्जनों घायल हुए .एक बार फिर वही आतंकवाद की चर्चा ,एक बार फिर पाकिस्तान से कश्मीर मसले को हल करने का सुझाव . यानि ये हमले होते रहेंगे और पाकिस्तान हमसे यह कहता रहेगा कि इस आतंकवाद को ख़तम करने के लिए मसले कश्मीर का हल ढूँढना जरूरी है . और हर आतंकवादी हमले के छः महीने या फिर साल भर बाद फिर होगी भारत पाकिस्तान के बीच बातचीत की पहल .लेकिन हमने कभी यह जानने की कोशिश नहीं कि आखिर कश्मीर के आवाम क्या चाहते है .लोगों ने भारी तादाद मे आकर वोटिंग की  तो भारत सरकार गद गद कि कश्मीरी हमारे साथ है . शोपिया मे श्रीनगर मे बंद और हड़ताल हुए ,हफ्ते भर पथार्बजी हुई ,कुछ नौजवान मारे गए तो पाकिस्तान को लगा कि कश्मीरियों का दिल अभी भी पाकिस्तान के लिए धड़कता है . अचानक कश्मीर मे कभी हुर्रियत के  लीडरों की तूती बोलने लगती है तो कुछ ही दिनों के बाद इनका नाम लेने वाला नहीं मिलता है .लेकिन इस सबका जवाब पुलवामा के वाहिद के पास है . पुलवामा के नौजवान वाहिद से मेरी मुलाकात दिल्ली में हुई .वाहिद ने  शोपिया मे बंद हड़ताल को ...