तू ही नैया पार लगाना

कांग्रेस आलाकमान के लिए यह सौभाग्य की बात है की प्रधानमंत्री से लेकर उनके मंत्रियों में किसी की यह छवि नही है की वे कांग्रेस के लिए वोट बटोर सकें । यही हालत कमोवेश राज्यों में भी है जहाँ कोई ऐसा लीडर नहीं है जो चुनाव में कोई करिश्मा दिखा सके । लेकिन यह कांग्रेस और देश के लिए दुर्भाग्य है की उसे बार बार नेहरू परिवार की ओर ही देखना पड़ता है । सो राहुल जी कभी उत्तर प्रदेश के किसी दलित के घर एस पी जी कमांडो के साथ रात गुजारते हैं तो राजस्थान में नरेगा के तहत काम कर रहे मजदूरों के बीच मिटटी उठाते पाये जाते हैं । ये अलग बात है की वे चाहे नागपुर के कलावती के घर जाय या फ़िर शशिकला के घर मीडिया का पूरा हुजूम उनके साथ होता है । ये अलग बात है की राहुल की पब्लिसिटी के साथ साथ कभी कभी गरीबों का भी भला हो जाता है । मसलन कलावती की गाथा राहुल गांधी ने संसद में सुनाई अगले दिन सुलभ वाले पाठक जी मीडिया के भारी लश्कर को लेकर हवाई जहाज से नागपुर पहुँच गए .बिन्देश्वरी पाठक ने कलावती को तीस लाख रूपये का चैक सौपा अगले दिन यह अख़बारों की बड़ी ख़बर बनी । तो क्या कहे राहुल गाँधी एक प्रोडक्ट है जिसका इस्तेमाल कभी कांग्रेसी लीडर कर रहे है तो कभी एन जी ओ तो कभी मीडिया ।
कभी इंदिरा जी ने नारा दिया था " गरीबी हटाओ 'तो क्या देश के तमाम गरीब उनके पीछे आ गए थे ? शायद ऐसा नहीं हुआ होगा । इंदिरा जी के पास एक चमत्कारिक व्यक्तित्वा था ,उनके पास संगठन की अद्भुत क्षमता थी । सबसे बड़ी बात यह की पूरा विपक्ष टुकड़े टुकड़े में विभाजित था ।
७० के दशक की सियासी जमीन आज पूरी तरह से बदली हुई है । पहले एक नेहरू परिवार एंड कंपनी हुआ करती थी आज लालू परिवार , मुलायम परिवार , करूणानिधि परिवार , मायावती परिवार , राम विलास पासवान परिवार एंड कंपनी जैसे दर्जनों परिवार ने सियासी जमीन पर अपना कब्जा जमा लिया है । इस हालत में राहुल कोई चमत्कार कर पायेंगे मुश्किल लगता है । सबसे बड़ी बात यह है politics में criminals की बढती dakhal ने तमाम सियासी daawpech को puraana कर दिया है । लोक सभा में इस समय १२० सांसद पर कोई न कोई gambhir aarop है लेकिन वे हमारे क़ानून बनाने वाले हैं । हम कहते है की हमारी system
khokhli हो चुकी है लेकिन इसे सुधारने की कोई कोशिश नही करते । हम सिर्फ़ इस देश के naagrik हैं जिसका काम सिर्फ़ टैक्स देना है । sudharne का काम सरकार का है । आज देश में सबसे ज्यादा voter noujavanon है । लेकिन राहुल गांधी को यह पता है की इसमें से ज्यादा लोग वोट नही करते । ४० से ५० फीसद लोग वोट करते हैं जिसमे ज्यादा sankhyan गरीब tabkon की है । राहुल गरीबों के नेता बनने की taiyaree में है लेकिन सियासी maidaan में jame दुसरे खिलाड़ी उनके मकसद को शायद ही कामयाब होने दे । सिर्फ़ विज्ञापन के badoulat राहुल गरीबों का दिल नही जीत सकते । जिस दिन हर गरीब को दो joon की roti मिलने lagegi यह तय है की उसी दिन से व्यवस्था भी अपने आप badal जायेगी और देश का netritwa भी । tabtak सत्ता में आने के लिए किसी पार्टी को राहुल की जरूरत padegi तो किसी को धर्म की तो किसी को जाती की ।
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